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खट्टर सरकार ने बेरोजगारी में हरियाणा को बनाया नंबर वन, दीपेंद्र हुड्डा ने कहा-3 में से 1 हरियाणवी है बेरोजगार

हरियाणा में बेशक मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनकी सरकार राज्य में सबसे ज्यादा रोजगार देने की बात करती हो किन्तु सैंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी(CMIE) की ताजा रिपोर्ट ने हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन वाली सरकार को झकझोर कर रख दिया है। दिसम्बर महीने की इस रिपोर्ट में पता चला है कि हरियाणा में 32.5 प्रतिशत बेरोजगारी दर है। इसका मतलब है कि प्रदेश में हर 3 में से 1 हरियाणवी बेरोजगार है। ये पूरे देश की औसत बेरोजगारी दर से करीब 4 गुना ज्यादा है। बता दें कि इस रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा बेरोजगारी में टॉप स्थान पर है।
32.5% के साथ हरियाणा फिर बेरोज़गारी दर में टॉप पर है। CMIE रिपोर्ट BJP-JJP सरकार के नकारात्मक प्रदर्शन की पोल खोल रही है। हर 3 में से 1 हरियाणवी बेरोजगार है।
चिंतनीय हैं कि मौजूदा सरकार ने प्रदेश को अपराध, दंगे, नशे, भ्रष्टाचार, किसान शोषण व बेरोजगारी में टॉप पर पहुंचा दिया है। pic.twitter.com/GL4fEl4gnT
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) January 5, 2021
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे और कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने खट्टर सरकार को घेरते हुए कहा कि कोरोना के चलते प्रदेश में ये हालात नहीं हुए हैं। कोरोना काल से पहले भी हरियाणा के युवा 28 प्रतिशत बेरोजगारी दर झेल रहे थे। उस वक्त भी हरियाणा बेरोजगारी के मामले में पूरे देश में टॉप पर था। सिर्फ सी.एम.आई.ई. ही नहीं खुद एन.एस.ओ., एस.जी.डी. जैसे तमाम सरकारी और निजी संस्थाओं के आंकड़े बार-बार हरियाणा सरकार के नकारात्मक प्रदर्शन की पोल खोलते रहे हैं। आज देश इतिहास की सबसे ज्यादा बेरोजगारी और नकारात्मक विकास दर झेल रहा है। लेकिन देश की औसतन बेरोजगारी दर से भी करीब 4 गुना ज्यादा हरियाणा की बेरोजगारी दर है। यू.पी., बिहार जैसे पिछड़े माने जाने वाले राज्यों ने भी रोजगार देने के मामले में हरियाणा को पछाड़ दिया है।
कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि ऐसा लगता है मानो मौजूदा सरकार हर नकारात्मक उपलब्धि हासिल करने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है। शायद इसलिए उसने हरियाणा को अपराध, दंगे, नशे, प्रदूषण और बेरोजगारी में टॉप पर लाकर खड़ा कर दिया है। नई-नई नकारात्मक उपलब्धियां हासिल करना हरियाणा की गठबंधन सरकार के लिए रुटीन हो गया है। लेकिन उसके इस नकारात्मक प्रदर्शन का खामियाजा हरियाणा का नौजवान भुगत रहा है। सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाय उनका रोजगार छीनने में लगी है।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि मौजूदा सरकार में कच्चे ही नहीं पक्के कर्मचारियों को भी नौकरी से हटाया जा रहा है। पिछले दिनों पी.टी.आई., फिर ड्राइंग टीचर और अब एक बार फिर ग्रुप डी में स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती हुए 1518 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया। इस सरकार ने तो कोरोना काल में भी कर्मचारियों को नहीं बख्शा और कोरोना योद्धा सफाई कर्मचारियों समेत प्रदेशभर से सैंकड़ों कच्चे कर्मचारियों की छंटनी कर दी।
कांग्रेस संसदीय दल के पूर्व उप नेता दीपेंद्र हुड्डा ने बेरोजगारी के मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से इस रिपोर्ट को लेकर जवाब मांगा है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि युवाओं की आंखों में धूल झोंकने के लिए हरियाणा मूल के युवाओं को 75 फीसदी रोजगार की गारंटी देने का कानून लाने का नाटक रचा गया है। उन्होंने कहा कि यह कानून उन लोगों के लिए बनाया गया है, जिनका वेतन 50 हजार रुपये से कम है। अब इस कानून को अदालत में चुनौती दे दी गई है। सरकार को पहले से पता था कि ऐसा होगा। इसलिए झूठी वाहवाही लूटने के लिए युवाओं को धोखा दिया गया।
देश के किस प्रदेश में कितनी बेरोज़गारी की रिपोर्ट में जून की तिमाही में एक बार फिर हरियाणा ने टाप किया है पूरी 33.6% बेरोज़गारी के साथ।
ये नया नम्बर 1 हरियाणा है।
इस सरकार ने 6 साल बर्बाद कर दिए प्रदेश के, न कोई निवेश आया, न बड़ा infrastructure प्रोजेक्ट।#HaryanaDeservesBetter pic.twitter.com/DHv6cygxbT— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) July 8, 2020
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी की अगुवाई वाली इस सरकार ने हरियाणा के साढ़े 6 साल बर्बाद कर दिए। इन सालों में सरकार सिर्फ विज्ञापन के खोखले प्रचार और जुमले गढ़ने में लगी रही। ना उसने रोजगार सृजन की तरफ जोर दिया और ना ही प्रदेश में निवेश का माहौल बनाया। हुड्डा सरकार में जो हरियाणा रोजगार देने, प्रति व्यक्ति निवेश, प्रति व्यक्ति आय और विकास के तमाम पैमानों पर ऊपर से टॉप करता था, आज उन्हीं पैमानों पर हरियाणा नीचे से टॉप करता है।