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अवॉर्ड वापसी करने वालों को पुरस्कार के साथ मिली राशि व सुविधाएं नहीं देने पर भेजा जाएगा कानूनी नोटिस

मोदी सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में देश के बहुत से सेवानिवृत्त सैनिक, पूर्व खिलाड़ी एवं राज्य-केंद्र सरकार के विभागों द्वारा सम्मानित व्यक्ति अपने सम्मान वापस लौटा रहे हैं। जहां एक ओर माना जा रहा था कि इस तरह अवॉर्ड वापसी करने के सिलसिले में सरकारों पर कुछ दबाव बनाया जाएगा किंतु सरकारों ने कोई दबाव महसूस किए बिना अब पुरस्कार लौटाने वाली शख्सियतों को कानून नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है। सामाजिक राजनीतिक उद्यमी संदीप शर्मा ने कहा है कि जिन व्यक्तियों ने अपने राष्ट्रीय राज्य विभागीय पुरस्कारों को वापस करने का क्रम शुरू कर रखा है, उन लोगों ने पुरस्कारों के साथ मिली राशि, भत्ते, सुविधाएं अभी तक वापिस नहीं किए हैं। संदीप शर्मा ने बताया कि 7 जनवरी को चंडीगढ़ में मीडिया के सामने प्रस्तुत होकर राष्ट्रीय राज्य विभागीय पुरस्कारों को वापस करने पर मिली राशि, भत्ते, सुविधाएं वापिस नहीं करने वालों को कानूनी नोटिस भेजने का एक अभियान शुरू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन के समर्थन में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ से राष्ट्रीय राज्य विभागीय पुरस्कारों को लौटाने वालों की संख्या काफी अधिक देखी जा रही है है। प्रेस क्लब चंडीगढ़ में 7 जनवरी 2021 को आयोजित होने वाली एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संदीप शर्मा उन पुरस्कार विजेताओं को उनके कार्य और प्रतिबद्धता के लिए सलाम करेंगे। लेकिन पवित्र सम्मानों, चिन्हों को ठुकराने वाले विजेताओं से मांग करेंगे कि वह पुरस्कारों के साथ उन्हें मिली हुई नकद राशि (बिना ब्याज के), शासकीय नौकरी अगर मिली हो तो व्यवसायिक या निवासी मालकियत, शासकीय वाहन और सम्मान तस्वीरें जो उनके निवास स्थानों की दीवारों पर सजाई हुई हैं, उन्हें भी तुरंत वापस करें।
सामाजिक राजनीतिक उद्यमी संदीप शर्मा
सामाजिक राजनीतिक उद्यमी संदीप शर्मा का कहना है कि अगर ऐसे पुरस्कार विजेताओं को वाकई उनके कार्य और सत्य निष्ठा पर अभिमान है तो वे उन्हें मिले हुए हवाई और ट्रेन यात्रा, अपनी निजी सुरक्षा सुविधा तथा विशेष अधिकारों को भी वापस करें। साथ ही अपनी वेबसाइट पर जो पुरस्कारों का प्रदर्शन किया है, उसे भी वापस लें। संदीप शर्मा ने भविष्य की रणनीति पर चर्चा करते हुए कहा कि विधि सलाहकारों द्वारा उन सभी व्यक्तियों को नोटिस दिया जाएगा, जिन्होंने पुरस्कार वापसी की घोषणा की है। संदीप शर्मा की केंद्र एवं राज्य सरकारों से भी यह मांग रहेगी कि ध्वज संहिता के तर्ज पर पुरस्कार संहिता को भी अभिनीत करें, ताकि इस भूमि के प्रति हर नागरिक का मातृभाव सदैव जागृत रहे। संदीप शर्मा ने एक कानूनी प्रकोष्ठ इसके लिए तैयार कर लिया है, उसमें शामिल लोग इस कार्य का प्रारूप तैयार कर पुरस्कार वापिस करने वालों की लिस्ट बना रहे हैं।
Delhi Police stop sportspersons who were marching towards Rashtrapati Bhavan to return their awards to the President in protest against the new farm laws. Wrestler Kartar Singh says, "30 sportspersons from Punjab and some others want to return their award". pic.twitter.com/tnzMLKs35J
— ANI (@ANI) December 7, 2020
गौरतलब है कि मोदी सरकार के शासन में यह दूसरी बार हो रहा है कि अवॉर्ड वापसी का सिलसिला चल पड़ा है। पहली बार 2015 में देश में बढ़ती हिंसा और अभिव्यक्ति की आजादी पर उठे सवाल के बाद अवॉर्ड वापसी का दौर चला था और अब ठीक पांच साल बाद 2020 में देश में एक बार फिर अवॉर्ड वापसी का दौर चल रहा है। ठीक एक महीने पहले लगभग 30 खिलाड़ी अवॉर्ड वापसी के लिए राष्ट्रपति भवन मार्च कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। किसानों द्वारा कृषि बिल का विरोध करने के चलते यह अवॉर्ड वापसी का सिलसिला शुरू हुआ है। इस किसान आंदोलन को बॉलीवुड, कलाकार, बुद्धिजीवी वर्ग, सेवानिवृत्त सैनिकों का समर्थन मिल रहा है।