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ISRO चीफ के. सिवन का मोदी सरकार ने बढ़ाया कार्यकाल, स्कूली पढ़ाई के दौरान नंगे पैर रहने पर मजबूर थे के. सिवन

अंतरिक्ष विभाग के सचिव के. सिवन का कार्यकाल 14 जनवरी 2022 तक बढ़ा दिया गया है। कार्मिक मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी एक आदेश में यह जानकारी दी गई है। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने अंतरिक्ष विभाग के सचिव एवं अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष सिवन का कार्यकाल एक साल बढ़ाने को मंजूरी दी जिसके बाद उनका जो कार्यकाल 14 जनवरी 2021 को पूरा होने जा रहा था, वह अब 14 जनवरी 2022 तक जारी रहेगा।

डॉ. के. सिवन के नेतृत्‍व में इसरो ने कई ऐतिहासिक पल देखे हैं। खुद डॉ. सिवन की अपनी यात्रा कमाल और दूसरों के लिए प्रेरणादायक है। के. सिवन तमिलनाडु के रहने वाले हैं। उनका संबंध एक साधारण किसान परिवार से हैंं। लेकिन उन्‍होंने इसरो तक का सफर अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्‍प के दम पर हासिल किया। के.सिवन के अनुसार वे कॉलेज तक धोती पहनते थे। जब वे एमआईटी में गए तो पहली बार पैंट पहनी थी।

अंतरिक्ष विभाग के सचिव के. सिवन

के. सिवन कहते हैं कि मैंने पहली बार सेंडल तब पहने जब मैं मद्रास इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी में पढ़ने के लिए गया। उससे पहले मैं आमतौर पर नंगे पैर ही रहता था। सिवन ने वर्ष 1980 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। वर्ष 1982 में बेंगलुरु के आईआईएससी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर किया। आईआईटी बॉम्बे से उन्होंने वर्ष 2006 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की। सिवन वर्ष 1982 में इसरो में आए. उन्होंने वहां पीएसएलवी परियोजना पर काम शुरू किया। उन्होंने एंड टू ऐंड मिशन प्लानिंग, मिशन डिजाइन, मिशन इंटीग्रेशन ऐंड ऐनालिसिस में काफी योगदान दिया।

वह इंडियन नेशनल ऐकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और सिस्टम्स सोसाइटी ऑफ इंडिया में फैलो हैं। कई जर्नल में उनके पेपर प्रकाशित हुए हैं। उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है। इसमें चेन्नई की सत्यभामा यूनिवर्सिटी से अप्रैल 2014 में मिला डॉक्टर ऑफ साइंस और वर्ष 1999 में मिला श्री हरी ओम आश्रम प्रेरित डॉ विक्रम साराभाई रिसर्च अवॉर्ड शामिल है।

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