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किसान आंदोलन के चलते पंजाब में प्रदर्शनकारियों ने मोबाइल टावरों को बनाया निशाना तो राज्यपाल ने दिखाई सख्ती

केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर सड़कों पर ठंड में डटे हुए हैं। वहीं पंजाब में कुछ प्रदर्शनकारी मोबाइल टावरों को निशाना बनाते हुए खुद को किसान आंदोलन के समर्थक बता रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी कड़ी कार्रवाई करने से बच रहा है किन्तु 1,600 से ज्यादा मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाए जाने के मामले का संज्ञान लेते हुए पंजाब के राज्यपाल वी. पी. सिंह बदनोर ने बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानदेशक को समन कर जवाब मांगा है। इसके अलावा एसोचैम ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सुरक्षित माहौल उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया है।
Destruction is no solution to any issue ravaging Mble Towers is not the creation of farmers but forces inimical to society r behind this @PunjabGovtIndia must take action against vandalism &protect communication infrastructure
Sought a detailed report @DGPPunjabPolice @CsPunjab— V P Singh Badnore (@vpsbadnore) December 30, 2020
इस पूरे घटनाक्रम पर एसोचैम का कहना है कि पड़ोसी राज्यों से जुड़ने वाले मुख्य राजमार्गों के जाम होने के कारण रोजाना हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘पंजाब के राज्यपाल वी. पी. सिंह बदनोर ने किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ पर, जिसमें पिछले कुछ दिनों में 1600 से ज्यादा मोबाइल टावर क्षतिग्रस्त किए गए हैं, गंभीरता से संज्ञान लिया है।’
किसान आंदोलन के समर्थन में मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचा रहे प्रदर्शनकारी
टेलीकॉम सिग्नलों को रिले करने वाली टावरों को बिजली की आपूर्ति राज्य के कई हिस्सों में काट दी गई और केबल भी काट दिए गए हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने मुकेश अंबानी की कंपनी जियो के टावरों को नुकसान पहुंचाते हुए कहा कि नए कृषि कानून से अरबपतियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। बिजली की आपूर्ति में कटौती करते हुए दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। एक मामले में, मोबाइल टावर की साइट से जनरेटर को हटा दिया गया और कथित रूप से एक स्थानीय गुरुद्वारे को दान कर दिया गया। जियो के कर्मचारियों को धमकी देने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
A representation was handed by the top BJP leaders of Punjab to Governor today, detailing violence & obstructions that the BJP leaders and party workers have been subjected during these protests and the failure of the law enforcement agencies in preventing it: Raj Bhavan
— ANI (@ANI) December 30, 2020
इस राष्ट्रीय मुद्दे पर हो रही राजनीति के बीच बीजेपी के शीर्ष नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राज्यपाल से मिला और ज्ञापन सौंपते हुए जानकारी दी कि बीते कुछ दिनों में राज्य में हिंसा और उपद्रव को लेकर चिंताजनक स्थिति बनी हुई है। साथ ही यह भी कहा कि कृषि कानून के विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य की सरकारी एजेंसियां लॉ एंड ऑर्डर संभालने में नाकाम रही हैं। राज्यपाल ने इस संबंध में मुख्य सचिव और डीजीपी को पूरे मामले पर रिपोर्ट करने के लिए राजभवन तलब करने का निर्णय लिया है।
किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए प्रदर्शनकारी जियो कंपनी का विरोध कर रहे हैं
राज्यपाल वीपी बदनौर ने कहा कि राज्य सरकार को ऐसे उपद्रवी और हिंसात्मक परिस्थितियों को संभालने के लिए तुरंत एक्शन लेना चाहिए और राज्य में कम्युनिकेशन के ढांचे को तबाह होने से बचाना चाहिए। मौजूदा वक्त में एजुकेशन ऑनलाइन चल रही है और मोबाइल टावरों को नुकसान होने से ना केवल छात्रों का नुकसान होगा, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ेगा।