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भैसों के लिए खुला ब्यूटी पार्लर, यहां पशुपालकों को जानवरों के लिए लेनी पड़ती है अपॉइंटमेंट

मनुष्य अपने जीवन को बेहतर बनाने के साथ अपने आसपास की चीजों, जीव-जंतुओं के लिए भी अच्छा माहौल तैयार करने में लगा हुआ है। अब मनुष्य घर में पालतू कुत्तों, बिल्लियों और पक्षियों पर धन खर्च करने के साथ दुधारू पशुओं को भी बेहतर सुविधा देने में विश्वास करने लगा है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में नगर निगम और जीपीआरसी द्वारा कैटल सर्विस सेंटर स्थापित की गई है। जानकारी के मुताबिक, यहां मवेशियों के लिए शॉवर बाथ आदि की व्यवस्था की गई है। जिसके निर्माण में करीब 15 लाख रुपए का खर्च आया है। बताया जा रहा है कि यहां मवेशियों की पूंछ के बालों को भी स्टाइलिश तरीके से काटने की व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं पशु पालकों को अपने मवेशी को स्टाइलिश लुक कराने के लिए पहले से ही अपॉइंटमेंट तक लेनी पड़ती है।

घरों में पानी की फिजूलखर्ची रोकने के लिए नगर निगम अनेक योजनाएं बनाती रहती है। नगर निगम कोल्हापुर में पानी की किल्लत को देखते हुए कड़ाई से नियमों का पालन करवा रही है। जल आपूर्ति में इस्तेमाल होने वाली पानी से जानवरों को धोने पर रोक है। इस रोक की वजह से पशुपालक पंचगंगा, रंकाला और अन्य झीलों में अपने जानवरों को धोने-नहाने के लिए ले जाते थे। इससे जल प्रदूषण का खतरा बना रहता है। ऐसे में लोगों की मांग पर नगर निगम ने अभिनव योजना के तहत मंगेशकर नगर में कैटल सर्विस सेंटर स्थापित की है।

इस कैटल सर्विस सेंटर में एक साथ पांच भैसें धोई जा सकती हैं। यहां एक पशु चिकित्सक भी नियुक्त किया गया है, जो पशु पालकों को सही टिप्स देगा। यहां आने वाली मवेशियों के गोबर का इस्तेमाल पौष्टिक खाद बनाने के लिए होगा। जहां मवेशियों को भैसें को नहलाने के बाद पानी व्यय न हो, इसके लिए पानी को नजदीक के बगीचे तक ले जाया गया है। मवेशी पालन के पारंपरिक व्यवसाय के लिए इस क्षेत्र को जाना जाता है। हर साल यहां ‘बफैलो रेस’ का आयोजन किया जाता है। बता दें कि कोल्हापुर में भैसों का गर्म दूध छोटे-छोटे स्टाल पर बिकता है।

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