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60 की उम्र में बैंक से रिटायरमेंट और 64 वर्ष की आयु में NEET परीक्षा की उत्तीर्ण, अब डॉक्टर बनना है लक्ष्य

उम्र के जिस पड़ाव पर औसतन से अधिक लोग डॉक्टर के पास इलाज करवाने के लिए जाते हैं। ओडिशा के बारगढ़ के रहने वाले जय किशोर प्रधान ने 64 वर्ष की आयु में डॉक्टर बनने के लिए MBBS में एडमिशन लिया है। बैंक अफसर के पद से रिटायर होने के 4 साल बाद जय किशोर प्रधान ने NEET क्वालिफाई किया और अब MBBS कोर्स के लिए दिव्यांगता आरक्षण श्रेणी में बुर्ला के वीर सुरेंद्र साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च में एडमिशन मिला है। VIMSAR के निदेशक प्रोफेसर ललित मेहर का कहना है कि यह देश के स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में दुर्लभ मौका है और जय किशोर प्रधान ने उम्र की इस अवस्था में मेडिकल स्टूडेंट के रूप में प्रवेश लेकर एक उदाहरण पेश किया है। VIMSAR के डीन ब्रजन मोहन मिश्रा ने कहा कि मैंने कभी किसी के 64 साल की उम्र में मेडिकल डिग्री में दाखिला लेने के बारे में नहीं सुना।

जयकिशोर प्रधान ने बताया, नौकरी शुरू करने के बाद भी वह MBBS प्रवेश परीक्षा में बैठना चाहते थे, लेकिन परिवार की जिम्मेदारियों ने नौकरी छोड़ने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने 1974 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा दी थी लेकिन नाकाम रहे थे। 10 साल पहले एक हादसे में दिव्यांग हुए जयकिशोर की जुड़वा बेटियां जय प्रावा और ज्योति प्रावा मध्यप्रदेश के निजी कॉलेज से बीडीएस की पढ़ाई कर रही थीं। उनकी बेटी जय का इसी साल 20 नवंबर को निधन हो गया। उनका इकलौता बेटा जॉयजीत 10वीं में है। दस साल पहले जय किशोर एक हादसे का शिकार होने के कारण दिव्यांग हो गए।

64 वर्ष की आयु में MBBS की पढ़ाई शुरू करते हुए जयकिशोर ने बताया, जब मेरी बेटियां मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही थीं तो मैंने उनकी किताबें पढ़ीं। दरअसल, नीट परीक्षा में बैठने के लिए अधिकतम उम्र सीमा 25 वर्ष होती है। 2018 में सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में दायर याचिका पर कोर्ट के फैसले ने उन्हें इस साल सितंबर में हुई परीक्षा में बैठने का मौका दिया। बेटी की मौत ने उन्हें नीट के लिए बैठने और MBBS कोर्स पूरा कर डॉक्टर बनने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा, उनकी इच्छा जीवित रहने तक लोगों की सेवा करने की है।

1977 में बीएससी की डिग्री हासिल करने वाले जयकिशोर ने अट्टाबिरा एमई स्कूल में बतौर शिक्षक नौकरी की। इसके बाद बैंक प्रवेश परीक्षा दी और इंडियन बैंक में नौकरी करने लगे। वह 1983 में एसबीआई में शामिल हुए और सेवानिवृत्त होने तक यहीं रहे। अब नौकरी से फुर्सत मिलते ही जय किशोर इतने वर्षों बाद एक बार फिर अपने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने में लग गए हैं। अगर वह अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं तो उन्हें 70 साल की उम्र में MBBS की डिग्री मिलेगी।

✍️ रिपोर्ट: दिनेश दिनकर

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