Breaking NewsBusinessTop NewsTravelWorldजम्मू-कश्मीरदेशरोजगारवायरलसमय विशेषसोशल मीडिया
पूजा देवी बनीं जम्मू-कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर, अब लोग कर रहे हैं तारीफ

महिलाएं अब आगे बढ़कर परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी उठाते हुए आत्मनिर्भर बन रही हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं द्वारा परचम लहराने से घरों में बच्चों की आंखों में खुशियां और उम्मीद भी देखने को मिल रही हैं। जम्मू-कश्मीर में पांच साल पहले शौकिया तौर पर ड्राइविंग सीखने वाली पूजा देवी का सपना था कि वो किसी दिन बड़ी गाड़ी को चलाएं। पिछले सप्ताह उनका यह सपना पूरा हो गया। बसोहली के सांदर गांव निवासी पूजा देवी प्रदेश की पहली ऐसी महिला हैं, जो व्यावसायिक चालक के तौर पर बस चलाने लगी हैं। पूजा अपने छोटे बेटे को बस में ही बैठाकर बस चला रही थीं। उनकी बेटी दसवीं कक्षा की छात्रा है।
जम्मू से कठुआ और कठुआ से जम्मू के बीच चलने वाली एक बस का स्टीयरिंग बुधवार सुबह पूजा देवी के हाथ में था। देखने वाले जहां हैरान थे, तो वहीं पूजा के चेहरे पर बस चलाने की खुशी झलक रही थी। परिवार और आसपास के जो लोग पहले उनकी ड्राइविंग का विरोध कर रहे थे, आज पूजा उन्हें गौरवान्वित कर रही हैं। बताया जा रहा है कि पूजा ने अन्य महिलाओं को भी ड्राइविंग सिखाने की ठान ली है। इससे पहले पूजा कुछ माह तक जम्मू-कठुआ के बीच ट्रक भी चला चुकी हैं। सोशल मीडिया पर लोग पूजा देवी की इस उपलब्धि से काफी खुश हैं। लोग इसे ‘वुमन पावर’ की जीत बता रहे हैं।
#poojaMakeHistory
When Pooja Devi ferried passengers in a private bus from Kathua to Jammu on Thursday, this mother of two became Jammu and
Kashmir’s first woman bus driver. pic.twitter.com/k8E4BIfuN2— Mr.Gopu 🇮🇳 (@gopu_india) December 25, 2020
जम्मू-कठुआ बस यूनियन के महाप्रबंधक रछपाल सिंह ने कहा कि दो दिन पहले पूजा उनके पास आई थीं और बस चलाने की इच्छा जाहिर की। चूंकि वो इससे पहले ट्रक भी चला चुकीं हैं और उनके पास हैवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस भी है। ऐसे में कोई दिक्कत नहीं थी। सुबह 11 बजकर 52 मिनट पर पूजा बस लेकर जम्मू से कठुआ पहुंचीं और शाम को समय से लौटीं भी।
पूजा देवी ने कहा कि उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था और यह उन कारणों में से एक था जिसकी वजह से उन्हें कमाने के लिए घर से बाहर आना पड़ा। उन्होंने बताया, ”मुझे जम्मू में एक प्रतिष्ठित ड्राइविंग संस्थान से प्रशिक्षक के रूप में प्रति माह 10000 रुपये मिल रहे थे। जब मुझे भारी वाहन ड्राइविंग लाइसेंस मिला, तो मैंने संघ से संपर्क किया और उन्होंने जम्मू-कठुआ सड़क पर चलने वाली एक यात्री बस को सौंपकर मेरे कौशल पर भरोसा किया।
जम्मू-कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर बनने पर पूजा देवी का कहना है कि बचपन में देखा सपना अब जाकर पूरा हुआ है। इसके लिए काफी संघर्ष किया है। पति और परिवार की इच्छा के बिना इस सपने को पूरा करने की ठान ली थी। पूजा का कहना है कि बड़ी गाड़ी चलाने का पहले से मन बनाया था, लेकिन परिवार से जब इच्छा जाहिर करती, तो वह नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी घर से बाहर जाए और इस तरह की गाड़ी चलाए। पूजा का कहना है कि उन्होंने महिलाओं के पैरों में बंधी बेड़ियों को तोड़ने की शुरूआत की है और चाहती हैं कि अन्य महिलाएं भी अपने सपनों को पूरा करें। अब मैं अन्य महिलाओं को ड्राइविंग सिखाना चाहती हूं।
पूजा देवी के साथ इस रूट पर बस चला रहे अन्य ड्राइवरों का दावा है कि पूजा के इस कदम से समाज का उनके प्रति नजरिया बदल जाएगा। उनके मुताबिक एक महिला का बस चलाना सुनने में अजीब सा लगता है लेकिन यह इस समाज में पुरुष और महिला की बराबरी को दर्शाता है।
✍️ रिपोर्ट: दिनेश दिनकर