
पाकिस्तान में आतंक के खिलाफ आवाज उठाने वाली ऐक्टिविस्ट करीमा बलोच कनाडा के टोरंटो में मृत पाई गई। वह कनाडा में निर्वासन में रह रही थीं। बता दें कि करीमा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाई की तरह मानती थीं। इस मौत पर तारेक फतह ने कहा कि इसके पीछे पाकिस्तान के गंदे हाथ हैं। हालांकि उनकी मौत के बारे में अभी कुछ साफ नहीं हो पाया है। वह पिछले तीन दिनों से लापता थीं।
Baloch activist #KarimaBaloch escaped Pakistan in 2016 to seek refuge in Canada. Her dead body was found today at Harbourfront.
My deepest condolences to her husband @HammalHaidar and the Baloch community in US-Canada and in Occupied #Balochistan. https://t.co/qhaFcoISTM pic.twitter.com/dSB36YKcTQ
— Tarek Fatah (@TarekFatah) December 21, 2020
कनाडा में शरण लेने वाली करीमा बलोच को 2016 में दुनिया की सबसे प्रभावशाली 100 महिलाओं की सूची में शामिल किया गया था। वह ऐसी महिला थीं जिन्होंने पाकिस्तान के अत्याचार की दास्तां संयुक्त राष्ट्र में भी बयां की थी। यह इस तरह का पहला मामला नहीं है। इसी तरह मई में बलूच पत्रकार साजिद हुसैन मृत पाए गए थे।
पाकिस्तान एक्टिविस्ट करीमा बलूच को रॉ एजेंट मानता था। बलूचिस्तान ऐसा प्रांत है जिसमें संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन पाकिस्तान केवल इनका दोहन करता है। पिछले 15 साल से बलूचिस्तान में विद्रोह तेज हो गया है। यहां सेना अकसर क्रूरता करती है और लोगों को बेवजह जेलों में बंद कर देती है। कई बलूच नेताओं की हत्या भी कर दी गई। करीमा बलोच ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह पीएम मोदी को अपना भाई मानती हैं।उन्होंने यह भी कहा था कि सभी बलोच महिलाएं उनकी तरफ उम्मीद की नजर से देख रही हैं।
#WATCH Baloch activist Karima Baloch wishes PM Modi for Rakhsha Bandhan (courtesy: Karima Baloch's Twitter)https://t.co/gq6KdEkWGn
— ANI (@ANI) August 19, 2016
करीमा बलूच ‘बलूचिस्तान छात्र संगठन’ की चेयर पर्सन रह चुकी हैं। उन्होंने पीएम मोदी को भाई कहकर संबोधित किया था और कहा था कि वह अंतरराष्ट्रीय फोरम पर मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाएं। रक्षाबंधन के मौके पर ट्विटर पर राखी शेयर करते हुए उन्होंने पीएम मोदी के सामने गुहार लगाई थी।
उन्होंने कहा था कि कई बलोच बहनों के भाई लापता हैं और उन्हें अपने भाई का इंतजार है। इस लड़ाई में उनका साथ दे रहे हमाल हैदर से उन्होंने शादी की थी। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने का काम करती थीं इसीलिए पाकिस्तान की नजरों में हमेशा खटकती रहीं।
फाइल फोटो
पाकिस्तान की इस क्रूरता के खिलाफ बलूचिस्तान की करीमा बलूच काफी समय से आवाज उठा रही थीं। वो बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई की आवाज बन गई थीं, ऐसे में उनकी मौत से बलूचिस्तान के आंदोलन को बड़ा झटका लग सकता है। करीमा ने कई मंचों पर पाकिस्तान की करतूतों का खुलासा किया था।
करीम की हत्या को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री Justin Trudeau ने कोई बयान जारी नहीं किया है। इस बात से नाराज भारतीय, Justin पर अपना गुस्सा जाहीर कर रहे हैं। ये वही पीेएम हैं जिन्होंने भारत में चल रहे किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था।