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गुजरात में मास्क न पहनने पर वसूला गया 90 करोड़ रुपए जुर्माना, सुप्रीम कोर्ट ने जताई हैरानी

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से बचाव के लिए अब तक कोई भी सटीक वैक्सीन बाजार में नहीं आई है। इसलिए कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए सरकारों और स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा ‘बार-बार हाथ धोने’ और घर से बाहर निकलने पर ‘मास्क पहनने की अनिवार्यता’ पर जोर दे रहे हैं। किंतु कोरोना वायरस को लेकर लापरवाह लोग अभी भी मास्क पहने बिना ही घरों से बाहर घूम रहे हैं। इन्हीं लोगों को सबक सिखाने के लिए राज्य सरकारों ने मास्क नहीं पहनने पर जुर्माने का प्रावधान लागू किया हुआ है। जानकारी के मुताबिक, गुजरात में मास्क नहीं पहनने वाले लोगों से राज्य सरकार ने 90 करोड़ रुपए जुर्माना वसूला है। बता दें कि गुजरात में सार्वजनिक जगहों पर मास्क नहीं लगाने पर एक हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ता है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार द्वारा इतनी मोटी रकम हासिल करने के बावजूद कोविड-19 प्रोटोकॉल और स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देश नहीं लागू करा पाने पर कहा कि ये तो हद है। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने हाल ही में अस्पतालों में कोरोना मरीजों के ठीक से इलाज नहीं होने और कोरोना से हुई मौत के बाद उन शवों के साथ गरिमामय व्यवहार को लेकर संज्ञान लेते हुए सुनवाई की थी। इस दौरान बेंच ने गुजरात सरकार से सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी बनाए रखने संबंधी दिशानिर्देशों की पालना के बारे में सवाल पूछा था।
इस पर केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, भारी जुर्माना ही इसका हल है। 500 रुपये जुर्माने से लोगों पर असर नहीं हो रहा है। वे नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। इस दौरान जस्टिस शाह ने कहा कि बड़ी संख्या में शादी समारोह हो रहे हैं। इस पर मेहता ने कहा कि गुजरात में शुभ मुहूर्त वाले दिन फिलहाल खत्म हो गए हैं। इस पर जस्टिस शाह ने कहा एनआरआई के लिए शुभ मुहूर्त वाला दिन कुछ नहीं होता।
सुप्रीम कोर्ट ने नौ दिसंबर को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी के पालन जैसे कोविड-19 के दिशा-निर्देशों पर अमल तथा देश भर के अस्पतालों एवं नर्सिंग होम में अग्नि सुरक्षा दिशानिर्देशों के क्रियान्वयन समेत कई मुद्दों पर केंद्र और राज्यों को विस्तृत जवाब देने का निर्देश दिया था।
बता दें कि मास्क नहीं पहने पर दिल्ली में 2000 रुपए का जुर्माना है। गुजरात में मास्क नहीं पहने पर सरकार ने 500 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया था। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के उल्लंघन बढ़ने पर जुर्माना बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया। यूपी और राजस्थान में मास्क नहीं पहनने पर 500-500 रुपये जुर्माना, मध्यप्रदेश में 100 रुपये जुर्माना, और बिहार में मात्र 50 रुपये जुर्माना लगता है।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो लोग सार्वजनिक स्थलों पर मास्क नहीं लगा रहे हैं वह वास्तव में दूसरे लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। इससे पहले भी कोर्ट ने केंद्र सरकार ने लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने की बात कही थी। कोर्ट ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कहा था कि लोग भीड़ लगा रहे हैं, मास्क नहीं पहन रहे हैं, ऐसे में सख्ती बरतनी होगी।