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ड्रग मामले में आरोपियों के रिहा होने पर मणिपुर की पुलिस अधिकारी ने लौटाया मुख्यमंत्री से मिला वीरता पुरस्कार

मणिपुर की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) थौनाओजम बृंदा ने ड्रग्स केस में अदालत के आदेश के बाद अपना मुख्यमंत्री वीरता मेडल शुक्रवार को वापस कर दिया है। बता दें कि इस ड्रग्स मामले में बीजेपी के पूर्व एडीसी चेयरमैन और 6 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप लगे थे। पुलिस अधिकारी को ड्रग्स मामले में जांच के सिलसिले में यह मेडल दिया गया था। पुलिस अधिकारी ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को लिखी चिट्ठी में अदालत के आदेश को वजह बताया है। अदालत ने ड्रग्स मामले में जांच को “असंतोषजनक” मानते हुए सभी आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि 18 जून, 2018 को थौनाओजम बृंदा, जो उस समय बार्डर एंड अफेयर्स ऑफ बॉर्डर (NAB) के साथ एएसपी के रूप में तैनात थे। इन्होंने चंदेल एडीसी के चेयरमैन झुखोसी ज़ू के आधिकारिक आवास पर छापा मारते हुए इम्फाल पश्चिम में करोड़ों रुपये के कंट्राबंड बरामद किए। भाजपा नेता के सरकारी आवास से छापेमारी के दौरान 27 करोड़ रुपये के 28 किलोग्राम याबा टैबलेट और 57 लाख रुपये नकद राशि भी बरामद की थी। इसी मामले में थुनाओजम बृंदा को 13 अगस्त, 2018 को मुख्यमंत्री पुलिस पदक के लिए सम्मानित किया गया था।
पुलिस अधिकारी थौनाओजम बृंदा ने राज्य सरकार के लिए पूरे सम्मान के साथ और एनडीपीएस अदालत के फैसले का पालन करते हुए मेडल वापस लौटाने की पेशकश की है। लामफेल की एनडीपीएस कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व स्वायत्त जिला परिषद (एडीसी) के अध्यक्ष लुखोशी जो और छह अन्य लोगों को सभी आरोपों से बरी कर दिया है, जिनका उस केस में नाम आया था, जिसमें भारी मात्रा में ड्रग्स जब्त किया गया था। पुलिस अधिकारी ब़ृंदा ने कहा कि अदालत ने इस मामले में जांच और अभियोजन को असंतोषजनक माना है, इसलिए वह अपना पदक लौटा रही हैं।
ASP बृंदा ने अपने पत्र में लिखा, “मुझे नैतिक रूप से यह महसूस हुआ है कि मैंने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली के इच्छानुसार अपनी ड्यूटी नहीं निभाई है। इसलिए, मैं खुद को इस सम्मान के लायक नहीं समझती हूं और राज्य के गृह विभाग को मेडल लौटा रही हूं ताकि किसी अधिक योग्य और वफादार पुलिस अधिकारी को यह मेडल दिया जा सके।”