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शीर्ष पदों पर महिलाओं की अधिक नियुक्ति की तो लगा 80 लाख जुर्माना, महिला सशक्तिकरण पर उठे सवाल

महिला सशक्तिकरण को लेकर सारी दुनिया में महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार करने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। पेरिस में स्थानीय प्रशासन को महिला सशक्तिकरण की यह नीति लागू करना महंगा पड़ गया। अधिक संख्या में महिलाओं की नियुक्ति करने वाले ‘पेरिस सिटी हॉल’ पर फ्रांस के नागरिक सेवा मंत्रालय ने 90,000 यूरो का जुर्माना लगाया है। लैंगिक संतुलन के नियम के उल्लंघन पर यह जुर्माना लगाया गया है।
फ्रांस के नगर निकाय ‘पेरिस सिटी हॉल’ में इन महिलाओं की तैनाती साल 2008 में हुई थी। तब शीर्ष 16 में से 11 पद इनके नाम कर दिए गए। फ्रांस के 2012 के लैंगिक समानता के नियम के हिसाब से 60 % से ज्यादा पद किसी एक लिंग के खाते में नहीं जा सकते थे।लेकिन पेरिस सिटी हॉल ने 69 % महिलाएं तैनात कर दी और सिर्फ 30 % पदों पर ही पुरुषों को नियुक्ति मिली। नियम के उल्लंघन की जानकारी मिलने पर मंत्रालय ने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ यह कार्रवाई की है।
हालांकि पिछले साल इस नियम को संशोधित कर दिया गया है जिससे अब ज्यादा महिलाओं की नियुक्ति पर जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम पर पेरिस की मेयर ऐनी हिडाल्गो ने मंगलवार को शहर परिषद की बैठक में जुर्माने को ‘अनुचित’ और ‘असंगत’ बताया।
बहरहाल, कई देशों ने हाल के वर्षों में महिलाओं के लिए अधिक से अधिक राजनीतिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने की कोशिश की है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि कोविड-19 महामारी के दौरान महिला नेताओं ने पुरुष सहयोगियों की तुलना में अच्छा प्रदर्शन किया है।