Breaking NewsBusinessFoodsTop NewsTravelउत्तर प्रदेशक्राइमदेशनई दिल्लीपंजाबमध्य प्रदेशमहाराष्ट्रराजनीतिराजस्थानवायरलसोशल मीडियाहरियाणा

मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री ने किसानों को ‘देशद्रोही’ बताते हुए दिया बेतुका बयान, विरोध शुरू

किसान आंदोलन को लेकर सत्ताधारी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता देश‌ के किसानों को लेकर अनाप-शनाप बयान देते हुए आंदोलन को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। अभिनेत्री कंगना राणावत ने भी कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों पर अमर्यादित टिप्पणी की थी। अब मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कृषि कानूनों पर विवादित बयान देते हुए कहा कि बाढ़ के समय पानी अधिक होने से जिस प्रकार सांप, बिच्छू, गोयरा, नेवला, कुकुरमुत्ता आदि बाहर आकर जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ जाते हैं। उसी प्रकार देश में विकास और मोदी जी की बाढ़ आई हुई है, जिसमें पूरा विपक्ष एकजुट होकर बाहर आ गया है। उन्होंने आगे कहा कि, ‘ये जो 500 किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं ये सब अभी-अभी गठित हुए हैं। ये किसान संगठन नहीं दलालों का संगठन है जो देशद्रोही है। इन्हें विदेशी ताकतों द्वारा फंडिंग की जा रही है, जो देश को सशक्त नहीं होने देना चाहते हैं। ये सारे संगठन और विपक्ष एक होकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री होने के नाते ये मेरी जिम्मेदारी है कि किसानों को कृषि कानूनों के संबंध में उचित जानकारी दी जाए।’ कृषि मंत्री के इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है। कमल पटेल के इस आपत्तिजनक बयान के बाद कांग्रेस ने उनका मंत्री पद वापस लिए जाने की मांग की है। जबकि भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने पार्टी के मंत्री का बचाव किया है। किसान सम्मेलन से एक दिन पहले कृषि मंत्री उज्जैन आए हुए थे।

 

विदित हो कि पिछले सप्ताह भी मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री और बीजेपी नेता कमल पटेल ने विवादित बयान दिया था। मीडिया से बातचीत करते हुए जब उनसे अवॉर्ड वापसी को लेकर सवाल पूछा गया था, तो उन्होंने अवॉर्ड मिलने वालों पर देश के खिलाफ बयानबाजी करने का आरोप लगा दिया था। तब कृषि मंत्री कमल पटेल ने मीडिया से कहा, “पहले भी अवॉर्ड वापस हुए थे। ये जितने भी अवॉर्डी हैं, उन्हें अवॉर्ड कैसे मिले। भारत माता को गाली दो, देश के टुकड़े करो। क्या उनको अवॉर्ड मिलते हैं। ये तथाकथित बुद्धिजीवी, ये तथाकथित अवॉर्डी देशभक्त नहीं हैं।” इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि, “किसानों की मांग है कि बिल वापस लो। हम क्यों बिल वापस लेंगे, लोकतंत्र में सबसे बड़ी शक्ति जनता है और जनता के चुने हुए जन प्रतिनिधियों ने संसद से बिल पास किया है।”

Tags

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Close