
केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसान आंदोलन को लेकर कोई समर्थन जता रहा है तो कोई केंद्र सरकार के प्रति विश्वास बनाए हुए है। नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके राजनीतिक दल ‘आम आदमी पार्टी’ ने किसानों द्वारा कल सोमवार को उपवास रखने के आह्वान पर सहमति जताई है। अब कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला ने किसान आंदोलन के बहाने हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधा है।
फोटो खिंचवाने की राजनीति करने की बजाय खट्टर सरकार से समर्थन वापिस लें दुष्यंत चौटाला।
किसान आंदोलनकारियों से बात करने की फुर्सत नहीं, पर भाजपा नेताओं की खुशामद जारी।
प्रदेश की जनता मांग रही विश्वासघात का हिसाब, मूर्ख बनाने की कोशिश न करें दुष्यंत!हमारा बयान-: pic.twitter.com/3TsCxi1Btp
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 13, 2020
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने जजपा नेता और हरियाणा सरकार में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को भाजपा नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत करने का ढोंग करने व फोटो खिंचवाने की बजाय अपने पद से त्यागपत्र देते हुए प्रदेश की खट्टर सरकार से समर्थन वापस लेने की बात कही है। रणदीप सुरजेवाला ने आगे कहा,’दुष्यंत के पास सत्ता की मलाई में हिस्सेदारी के लिए भाजपा नेताओं से नगर परिषद और नगर पालिकाओं के चुनावी गठबंधन और राजनीतिक सौदेबाजी करने के लिए तो समय है लेकिन किसान आंदोलनकारियों से बात करने की फुर्सत नहीं, जो उनकी प्राथमिकताओं को दर्शाती है।’
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला (फाइल फोटो)
कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा कि प्रदेश की जनता को भलीभांति याद है कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव से पहले जजपा और दुष्यंत चौटाला किस प्रकार से भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार, सरकारी नौकरियों में हेराफेरी और किसानों की परेशानियों की बात करते थे, फिर विधानसभा चुनावों में भी जजपा और दुष्यंत चौटाला ने भाजपा को मदद करने के लिए अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिन्होंने अनेक विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को जीतने में मदद की।
रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी और जेजेपी पार्टी की गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार द्वारा किसान आंदोलन को कमजोर करने के लिए जो सड़क खोदने, आंसू गैस-वाटर कैनन-लाठीचार्ज करने के बाद उन्हें बदनाम करने के लिए खालिस्तानी-चीन-पाकिस्तान के समर्थन से चलने वाला आंदोलन बताने जैसे शर्मनाक हथकंडे अपनाये गए गए, उसे किसान वर्ग और प्रदेश की जनता ने अपनी आँखों से देखा है, लेकिन उस सब के बावजूद जजपा और दुष्यंत चौटाला शर्मनाक रूप से सत्ता से चिपके बैठे हैं। सच्चाई यह है कि देश का किसान अपनी आजीविका, रोजी रोटी और खेत खलिहान को बचाने के लिए अपने जीवन की लड़ाई लड़ रहा है, लेकिन भाजपा के विरोध में वोट मांग कर भाजपा की गोदी में बैठी जजपा ने अपने मतदाताओं को धोखा दिया है। वहीं उन्होंने कहा ये लड़ाई केवल 62 करोड़ किसानों की नहीं बल्कि देश के 130 करोड़ लोगों की है। इसलिए जनता की भलाई और किसान आंदोलन की सफलता के लिए जजपा और उसके नेताओं से मेरा खुला सार्वजनिक आह्वान है कि वे सत्ता का लालच छोड़ कर भाजपा से तुरंत अपना नाता तोड़ें।
गृहमंत्री अमित शाह के साथ हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (फाइल फोटो)
हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला को कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला द्वारा खुली चुनौती देते हुए कहा कि यदि दुष्यंत भाजपा का साथ छोड़ने को तैयार नहीं हैं तो उनके तमाम विधायकों को किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए विधायक दल की बैठक बुलाकर नया नेता चुनकर खट्टर सरकार से समर्थन वापिस ले लेना चाहिए। यदि पिछले विधानसभा में जजपा प्रत्याशी और जजपा पदाधिकारी किसान आंदोलन के साथ हैं तो उन्हें भी जजपा से अपना नाता तोड़ लेना चाहिए। ऐसा न करने पर प्रदेश का किसान उन्हें माफ़ नहीं करेगा और वे किसानों के गुनहगार माने जाएंगे।
गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला से पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा में गठबंधन सरकार और केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करते रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के बेटे और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी किसान आंदोलन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए केंद्र और राज्य सरकार को किसानों की दयनीय स्थिति के लिए जिम्मेदार बताते रहे हैं।