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हरियाणा में चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर और उसका दोस्त लाखों की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

विजिलेंस की टीम ने यमुनानगर के नगर निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अनिल नैन व उसके दोस्त दीपक बड़ोला को दो लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि सफाई ठेकेदार जिंदल कुमार को सफाई का ठेका दिलाने के नाम पर तीन लाख रुपये मांगे थे।
बताया जा रहा है कि एक लाख रुपये ठेकेदार पहले दे चुका था। शुक्रवार देर रात को दो लाख रुपए देने थे। यह दो लाख रुपये लेने के लिए चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अनिल नैन अपने साथी दीपक के साथ ससोली रोड पर सरकारी गाड़ी से पहुंचे थे। वहां पर विजिलेंस की टीम ने उन्हें रंगेहाथों गाड़ी सहित पकड़ लिया।
हमीदा निवासी सफाई ठेकेदार जिंदल कुमार ने बताया सफाई के लिए डोर टू डोर का आनलाइन टेंडर होने वाला था। चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अनिल नैन ने टेंडर दिलाने के लिए तीन लाख की डिमांड की थी। कहा था कि अगर पैसे नहीं देंगे तो ऑब्जेक्शन लगवा कर उनकी बिड कैंसिल करा दी जाएगी। इस पर उन्होंने एक लाख उसे पहले दे दिए थे। अब वह और पैसे मांग रहा था। दो लाख की लगातार डिमांड की जा रही थी। शुक्रवार को नैन ने दो लाख लेने के लिए ससोली रोड पर बुलाया था।
उन्होंने इसकी शिकायत विजिलेंस को दी। विजिलेंस की टीम ने चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अनिल को रंगे हाथ पकडऩे के लिए जाल बिछाया। स्टेट विजिलेंस के डीएसपी ओमप्रकाश के नेतृत्व में टीम रेड करने के लिए तैयार हुई। ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार ओमप्रकाश को लगाया गया। जैसे ही अनिल नैन और उसके साथी दीपक ने पैसे पकड़े तो तुरंत विजिलेंस की टीम ने रेड कर दी और दोनों को काबू कर लिया।
डीएसपी ओमप्रकाश का कहना है कि दोनों से पूछताछ की जा रही है। जरूरत पड़ी तो शनिवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। उधर, चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अनिल और उनके दोस्त का कहना है कि उसको साजिश के तहत फंसाया गया है। उन्होंने किसी से कोई रिश्वत नहीं मांगी। सभी आरोप झूठे हैं। उनके गाड़ी में पैसे फेंके गए हैं। वे ससोली रोड में किसी सरकारी काम से गए थे।