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प्रसिद्ध लेखक और कवि मंगलेश डबराल का 72 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट से हुआ निधन

साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता, हिंदी भाषा के प्रख्यात लेखक और कवि मंगलेश डबराल का बुधवार को कार्डियक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया। बताया जा रहा है कि उनकी हालत पिछले कुछ दिनों से नाजुक बनी हुई थी। एम्स में भर्ती कवि और लेखक ने अंतिम सांस ली। उत्तराखंड के मूल निवासी रहे मंगलेश डबराल समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित नाम हैं। उनका जन्‍म 14 मई 1949 को टिहरी गढ़वाल, के काफलपानी गांव में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा देहरादून में ही हुई थी।

लेखक और कवि मंगलेश डबराल के आकस्मिक निधन पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए ट्वीट किया, ‘कवि लेखक चिंतक पत्रकार मंगलेश डबराल जी के असमय निधन की सूचना से स्तब्ध हूं, जनपक्षधरता के साथ ही सरलता और मृदुभाषी छवि के लिए उन्हें सदा याद किया जाएगा।’

भोपाल में वह मध्यप्रदेश कला परिषद्, भारत भवन से प्रकाशित होने वाले साहित्यिक त्रैमासिक पूर्वाग्रह में सहायक संपादक रहे। उन्‍होंने लखनऊ और इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाले अमृत प्रभात में भी कुछ दिन नौकरी की। वर्ष 1963 में उन्‍होंने जनसत्ता में साहित्य संपादक का पद संभाला। उसके बाद कुछ समय तक वह सहारा समय में संपादन कार्य में लगे रहे। आजकल वह नेशनल बुक ट्रस्‍ट से जुड़े हुए थे। मंगलेश डबराल के पांच काव्य संग्रह (पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, आवाज भी एक जगह है और नये युग में शत्रु) प्रकाशित हुए हैं।

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