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पैरालंपिक खिलाड़ी दीपा मलिक ने अवार्ड वापसी का किया विरोध, कहा- यह हमारे तिरंगे का है अपमान

पिछले 13 दिनों से केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों को लेकर देश के किसान दिल्ली सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र से इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों ने आज देश में ‘भारत बंद’ किया हुआ है। किसान आंदोलन को बहुत से संगठनों ने अपना समर्थन दिया हुआ है, वहीं कुछ विख्यात शख्सियत सरकारों द्वारा दिए गए सम्मान वापस लौटा रहे हैं। एशियाई खेलों के दो बार के स्वर्ण विजेता पूर्व पहलवान करतार सिंह के नेतृत्व में, पंजाब के कई खिलाड़ियों ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च करते हुए किसान आंदोलन को समर्थन जताते हुए “35 राष्ट्रीय खेल पुरस्कार” लौटाने का ऐलान किया था, हालांकि, पुलिस द्वारा उन्हें बीच में ही रोक दिया गया। भारत की पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की अध्यक्ष और पैरालिंपिक खेलों में पदक विजेता दीपा मलिक ने ‘अवार्ड वापसी’ का विरोध करते हुए ट्वीट किया।
As sports person we must move forward in the right spirit of sportsmanship. It can be resolved in a healthy way . Returning @rashtrapatibhvn awards wud b disrespect for our tricolour. Be a responsible citizen but not a bad sportsperson. #FarmersProtest @IndiaSports @KirenRijiju
— Deepa Malik (@DeepaAthlete) December 8, 2020
पैरालंपिक खिलाड़ी दीपा मलिक ने ट्विटर पर लिखा,’खेलप्रेमियों को खेल की सही भावना में आगे बढ़ना चाहिए और इस मुद्दे को स्वस्थ तरीके से भी सुलझाया जा सकता है। राष्ट्रीय और पद्म पुरस्कार लौटाना हमारे तिरंगे के लिए अपमानजनक होगा। एक जिम्मेदार नागरिक बनें, लेकिन एक बुरा खिलाड़ी नहीं।’
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पैरालंपिक खिलाड़ी दीपा मलिक को खेल रत्न से सम्मानित करते हुए (फाइल फोटो)
इस पूरे घटनाक्रम पर आईओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा और महासचिव राजीव मेहता ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘कुछ समय से खिलाड़ियों को किसानों को अपना समर्थन जताते हुए अपने राष्ट्रीय पुरस्कारों की वापसी की घोषणा करते हुए देखा गया है। राष्ट्रीय पुरस्कार और किसान मुद्दे दो अलग-अलग चीजें हैं।’