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भारत बंद को समर्थन देते हुए समाजसेवी अन्ना हजारे एक दिन के अनशन पर बैठे

केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा मंगलवार 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया हुआ है जिसका देश के विभिन्न हिस्सों से समर्थन मिलता दिख रहा है। किसानों के इस आंदोलन को समर्थन देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे मंगलवार को एक दिन के अनशन पर बैठ गए हैं। अन्ना हजारे ने कहा कि देश में आंदोलन होना चाहिए ताकि सरकार पर दबाव बने और वह किसानों के हित में कदम उठाए। हजारे महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अनशन पर बैठे हैं।
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने एक रिकॉर्डेड संदेश में कहा, ‘मैं देश के लोगों से अपील करता हूं, दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है, वह पूरे देश में चलना चाहिए। सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसी स्थिति बनाने की जरूरत है और इसके लिए किसानों को सड़कों पर उतरना होगा। लेकिन कोई हिंसा ना करें।’ उन्होंने आगे कहा कि किसानों के लिए सड़कों पर आने और अपना मुद्दा हल कराने का यह सही समय है। उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले भी इस मुद्दे का समर्थन किया है और आगे भी करता रहूंगा।’
देश भर से मिल रहे भारी समर्थन वाले इस आंदोलन को समर्थन देते हुए देश की कई महान शख्सियत सरकारों द्वारा दिए गए अवार्ड वापिस करते हुए इन तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। अन्ना हजारे ने कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता देने और एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने सरकार को सीएसीपी को स्वायत्तता नहीं देने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें ना लागू करने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, ‘सरकार सिर्फ आश्वासन देती है, कभी मांगें पूरी नहीं करती।’
गौरतलब है कि साल 2011 और 2012 में अन्ना हजारे तत्कालीन UPA सरकार के खिलाफ ‘जन लोकपाल कानून आंदोलन’ और ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन’ का नेतृत्व कर चुके हैं। इस आंदोलन को देशभर से भारी समर्थन मिला था, जिसका नतीजा यह हुआ कि साल 2014 के चुनावों में जनता ने यूपीए सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था। अब अन्ना हजारे किसान आंदोलन के समर्थन में भी उतर आए हैं।