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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की टिकट बिक्री में हुआ 5 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला, दर्ज हुई एफआईआर

गुजरात के सरदार सरोवर डैम के पास स्थित सरदार वल्लव भाई पटेल की प्रतिमा स्टैचू ऑफ यूनिटी से जुड़ा एक बड़ा और हैरतअंगेज घोटाला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, स्टैचू ऑफ यूनिटी की टिकट बिक्री से हुई कमाई के पैसों के गबन को लेकर घोटाला सामने आया है। एचडीएफसी बैंक की वडोदरा शाखा के मैनेजर द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार अक्टूबर 2018 और मार्च 2020 के बीच की अवधि के दौरान कथित रूप से 5.24 करोड़ रुपये बैंक से गायब हो गए हैं।

एचडीएफसी बैंक की वडोदरा शाखा के मैनेजर द्वारा शिकायत किए जाने के बाद केवडिया पुलिस स्टेशन ने एफ़आईआर दर्ज़ कर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के वित्तिय लेन-देन की जांच शुरू कर दी है। पुलिस उपाधीक्षक वाणी दूधत ने जानकारी दी है कि स्टैचू ऑफ यूनिटी के नाम से एक बैंक में दो खाते हैं। बैंक ने डोरस्टेप कैश क्लेक्शन की सुविधा देने के लिए राइटर बिजनेस नाम की कंपनी की सेवाएं ली थीं। जांच में पता चला है कि एजेंसी के कर्मचारियों ने नवंबर 2018 से मार्च 2020 के बीच बैंक में करीब 5,24,77,375 रुपये की राशि जमा ही नहीं की।

देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो)

इस एजेंसी के पास कोविड-19 लॉकडाउन से पहले पर्यटक स्थल की विभिन्न परियोजनाओं में प्रवेश के लिए ऑफलाइन टिकट काउंटर थे, साथ ही नियमित पार्किंग शुल्क भी था। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के एक अधिकारी ने बताया कि एचडीएफसी बैंक, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्रशासन द्वारा रोज विभिन्न ऑफ़लाइन टिकट काउंटर और पार्किंग शुल्क के जरिए एकत्र किए जा रहे कैश के लिए सेवाएं प्रदान कर रहा है, और इसे अपनी वडोदरा शाखा में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बैंक खाते में जमा कर रहा है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अधिकारी ने आगे बताया कि प्राप्त नकदी की रसीद स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्रशासन को जारी की जाती है और इसे समय-समय पर बैंक खाते में की गई नकदी जमा प्रविष्टियों के साथ मिला दिया जाता है, कोविड -19 प्रतिबंधों में ढील के बाद एचडीएफसी के साथ किए गए सुलह के दौरान, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के ऑडिटर्स ने नोटिस किया कि बैंक की ओर से राइटर बिजनेस के अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत की गई रसीदें खाते में वास्तविक प्रविष्टियों के साथ मेल नहीं खाती हैं। जिसके बाद इतने बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है।

पुलिस ने एजेंसी के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। वाणी दूधत ने बताया कि स्टैचू ऑफ यूनिटी के अधिकारियों ने जब ऑडिट कराया तो जमा पर्ची में मिली राशि और खाते में जमा राशि में अतंर पाया गया। इस संबंध में तुरंत बैंक को जानकारी दी गई। इसके बाद जब बैंक की तरफ से जांच की गई तो पता चला कि संबंधित एजेंसी ने राशि जमा ही नहीं की। पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा-420 (धोखाधड़ी), धारा-406 (विश्वास भंग) और धारा-120बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है। हालांकि, अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।

उल्लेखनीय है कि देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है और इसे स्टैचू ऑफ यूनिटी के नाम से जाना जाता है। अक्टूबर 2018 में उद्घाटन के बाद से ही यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। इस स्मारक के साथ बना चिल्ड्रेन न्यूट्रिशन पार्क और कैक्टस गार्डन अन्य आकर्षणों में एक है। इसके साथ ही नर्मना नदी में रिवर राफ्टिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।
स्टैचू ऑफ यूनिटी की कुल ऊंचाई 182 मीटर है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिमा के निर्माण में 25,000 टन लोहे और 90,000 टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से आकार में दोगुनी है। सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित यह प्रतिमा अहमदाबाद से करीब 200 किमी दूर है। इस प्रतिमा का उद्घाटन 31 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

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