
केंद्र सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे देशभर के किसान संगठनों के साथ गतिरोध तोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने एक और प्रयास किया है। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के नेताओं को तीन दिसंबर की बजाय आज 1 दिसंबर को दोपहर 3 बजे विज्ञान भवन में बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।
It was decided that next round of talks will be held on Dec 3 but farmers are agitating, it's winter & there's COVID. So meeting should be held earlier. So farmer leaders – present in 1st round of talks – have been invited at Vigyan Bhavan on Dec 1 at 3 pm: Agriculture Minister https://t.co/1y5DNCT0U0
— ANI (@ANI) November 30, 2020
केंद्रीय मंत्री का ये प्रस्ताव बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद आया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले पांच दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं और देश की राजधानी नई दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी और इसके विपरीत, जीटीके रोड, एनएच 44 और सिंघू बॉर्डर तक बाहरी रिंग रोड पर आवाजाही करने वाले वाहनों के पहिए थमे हुए हैं जिससे उत्तर भारत में फल-सब्जी, अन्य सामानों से लदी गाडियां कई दिनों से बीच सड़क पर खड़ी रहने के कारण नुकसान में जा रही हैं।
There are more than 500 groups of farmers in the country, but the Govt has invited only 32 groups for talks. The rest haven't been called by the govt. We won't be going for talks till all groups are called: Sukhvinder S Sabhran, Jt Secy, Punjab Kisan Sangarsh Committee in Delhi pic.twitter.com/jYGQlEMKSk
— ANI (@ANI) December 1, 2020
दिल्ली में पंजाब किसान संघर्ष समिति के जनरल सेक्रेटरी सुखविंदर सब्रन ने कहा है कि देश में किसानों के 500 से अधिक समूह हैं, लेकिन सरकार ने केवल 32 समूहों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बाकी को सरकार द्वारा नहीं बुलाया गया है। हम तब तक बातचीत नहीं करेंगे, जब तक सभी समूहों को नहीं बुलाया जाता।”
अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं,
और
‘झूठ’ टीवी पर भाषण!किसान की मेहनत का हम सब पर क़र्ज़ है।
ये क़र्ज़ उन्हें न्याय और हक़ देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियाँ मारकर और आंसू गैस चलाकर।
जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 1, 2020
इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर किसानों का समर्थन किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि सैकड़ों अन्नदाता मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है। ये कर्ज उन्हें न्याय और हक देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियां मारकर और आंसू गैस चलाकर। जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।
Jehde tan Farmers de against aa Ona Da Tan Samjh Aunda..Oh Tan Clear ne Bande Kon Ne..
Par Jehde Apne Bann Ke Sanu Aaps ch Ladaun Te Lagge aa.. Lattan Khich Rahe aa. Ona Ton Khatra Zyada .. eH v ek Tareeka Hunda..Samjhan Te Bachan Di Lodd aa ..
Apna Apna Farz Pashaniye ✊🏽
— DILJIT DOSANJH (@diljitdosanjh) December 1, 2020
आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा कि वे सशर्त बातचीत स्वीकार नहीं करेंगे। साथ ही चेतावनी दी है कि वे राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले सभी पांच प्रवेश मार्गों को बंद कर देंगे। किसानों को नए कृषि कानूनों के बारे में आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा। इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कोरोना वायरस और सर्दी को ध्यान में रखते हुए हमने किसान यूनियनों के नेताओं को 3 दिसंबर की बैठक से पहले ही चर्चा के लिए आने का न्यौता दिया है। यह बैठक आज ही दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर बाद तीन बजे बुलाई गई है।
Case registered against unknown persons on 27th November at Alipur police station in connection with the clash between farmers and police at Singhu border (Delhi-Haryana) in which public properties were damaged: Delhi Police
— ANI (@ANI) November 30, 2020
बता दें कि आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ शासन-प्रशासन द्वारा कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। दिल्ली पुलिस ने भी मामले कार्रवाई तेज की है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि 27 नवंबर को सिंघू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प के मामले में अलीपुर पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।