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अभिनेत्री विद्या बालन ने बीजेपी मंत्री के डिनर का ऑफर ठुकराया तो शूटिंग रूकवा दी गई, कांग्रेस ने उठाए सवाल

मध्यप्रदेश के वन मंत्री विजय शाह के डिनर का ऑफर ठुकराना बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन के लिए मुश्किल खड़ा कर रहा है। बताया जा रहा है कि विद्या बालन का काफिला रोकने का प्रयास किया गया और शूटिंग पर भी रोक लगाई गई है, जिसपर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं।
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने विजय शाह को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की पत्नी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर एक बार मंत्री पद गँवा चुके मंत्री ने अभिनेत्री विद्या बालन द्वारा डिनर नामंज़ूर करने पर उनकी गाड़ियां ही रोक दी। शिवराज जी, इतनी बेशर्मी पर भी मौन..? वहीं कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रदेश में फ़िल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देकर कमलनाथ सरकार ने प्रदेश की छवि को विश्व स्तर पर पहुंचाने का काम किया था, वही शिवराज सरकार के वनमंत्री विजय शाह मध्यप्रदेश की छवि ख़राब करने का काम कर रहे है। इस तरह के कृत्यों से प्रदेश की छवि खराब हुई है।आख़िर मंत्री जी अभिनेत्री के साथ डिनर क्यों करना चाहते थे ?
फ़िल्म अभिनेत्री विद्या बालन के डिनर के लिये मना करने पर पूर्व से ही अपने आचरण के लिये चर्चित वनमंत्री के आदेश पर फ़िल्म की शूटिंग में बाधा पहुँचाने का कार्य किया गया।
आख़िर मंत्री जी अभिनेत्री के साथ डिनर क्यों करना चाहते थे ?
इस तरह के कृत्यों से प्रदेश की छवि ख़राब हुई है।
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) November 28, 2020
जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के वनमंत्री विजय शाह ने अभिनेत्री विद्या बालन को डिनर के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन अभिनेत्री ने किसी कारणवश उनके डिनर का ऑफर ठुकरा दिया। इसके बाद विजय शाह के इशारे पर अगले ही दिन DFO ने शूटिंग यूनिट की गाड़ी रोक दी। हालांकि, बात ऊपर तक पहुंची तो सब ठीक हो गया। विद्या फिल्म ‘शेरनी’ की शूटिंग के सिलसिले में बालाघाट आई थीं।
बता दें कि अभिनेत्री विद्या बालन की फिल्म ‘शेरनी’ की शूटिंग बालाघाट में चल रही थी। इसके लिए 20 अक्टूबर से 21 नवंबर तक की मंजूरी ली गई थी। ‘शेरनी’ की प्रोडक्शन टीम दूसरे दिन जब ‘शेरनी’ शूट करने गई तो बालाघाट दक्षिण के जिला वन अधिकारी जीके बरकड़े ने यह कहकर टीम की गाड़ियां रोक दीं कि सिर्फ दो गाड़ियां ही अंदर जाएंगी। इस पर जब मामला राज्य शासन के स्तर तक पहुंचा तो आनन-फानन में सारी गाड़ियों को अंदर जाने की अनुमति दिलाई गई।
इस बारे में चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट नरेंद्र कुमार सनोडिया ने बताया कि मुलाकात के समय वे खुद मंत्रीजी के साथ थे। सीसीएफ ने कहा कि उन्हें डिनर की पेशकश के बारे में जानकारी नहीं है। दूसरे दिन डीएफओ ने कुछ गाडिय़ां जरूर रोकी थीं। इस पर पीएस ने फोन करके डीएफओ को कहा कि प्रदेश में फिल्म की शूटिंग कम ही होती है। ऐसे काम रोकोगे तो प्रदेश की बदनामी होगी। इसके बाद शूटिंग शुरू हो गई।