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उत्तर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ कानून लागू, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लगाई मुहर

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कैबिनेट से पास ‘लव जिहाद’ अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मंजूरी मिली गई है। बता दें कि राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही अध्यादेश ने कानून की शक्ल ले ली है। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश में लव जिहाद मामलों में आरोपी को कठोर सजा मिलना तय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी की कैबिनेट ने 24 नवंबर को “गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक” को मंजूरी दी थी। योगी सरकार का कहना है कि इस कानून का मक़सद महिलाओं को सुरक्षा देना है।
Uttar Pradesh Governor promulgates UP Prohibition of Unlawful Conversion of Religion Ordinance 2020 pic.twitter.com/bXLSmb07y5
— ANI UP (@ANINewsUP) November 28, 2020
शादी के लिए धर्मांतरण रोकने वाले विधेयक में प्रावधान है कि लालच, झूठ बोलकर या जबरन धर्म परिवर्तन या शादी के लिए धर्म परिवर्तन को अपराध माना जाएगा। नाबालिग,अनुसूचित जाति जनजाति की महिला के धर्मपरिवर्तन पर कड़ी सजा होगी। सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने वाले सामाजिक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई होगी। धर्म परिवर्तन के साथ अंतर धार्मिक शादी करने वाले को सिद्ध करना होगा कि उसने इस कानून को नहीं तोड़ा है। लडक़ी का धर्म बदलकर की गई शादी को शादी नहीं माना जाएगा।
कानून के मुताबिक, ज़बरदस्ती प्रलोभन से किया गया धर्म परिवर्तन संज्ञेय और गैर जमानती अपराध होगा। इस कानून को तोड़ने पर कम से कम 15 हज़ार रुपये जुर्माना और एक से पांच साल तक की सज़ा होगी। यही काम नाबालिग या अनुसूचित जाति या जनजाति की लड़की के साथ करने में कम से कम 25 हज़ार रुपये जुर्माना और 3 से दस साल तक की सज़ा होगी। गैरकानूनी सामूहिक धर्म परिवर्तन में कम से कम 50 हज़ार रुपये जुर्माना और 3 से 10 साल तक की सजा होगी। धर्म परिवर्तन के लिए तयशुदा फॉर्म भरकर दो महीने पहले जिलाधिकारी को देना होगा। इसका उल्लंघन करने पर 6 महीने से 3 साल की सज़ा और कम से कम 10 हज़ार रुपये जुर्माना होगा।