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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का निधन

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का बुधवार सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर निधन हो गया। 71 वर्षीय अहमद पटेल को तकरीबन एक महीने पहले कोरोना हुआ था। इसके बाद उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता चला गया। इस दौरान अहमद पटेल के कई अंगों ने भी काम करना बंद कर दिया था। इस बात की जानकारी उनके बेटे फैजल पटेल ने अपने ट्विटर अकाउंट से दी है।
Senior Congress leader Ahmed Patel passes away, tweets his son Faisal Patel. pic.twitter.com/4QgyLxvPis
— ANI (@ANI) November 24, 2020
फैजल पटेल लिखते हैं, ‘मैं सभी शुभचिंतकों से आग्रह करता हूं कि वे कोरोना गाइडलाइंस का विशेष रूप से पालन करें और सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखें।’
एक अक्टूबर को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल कोरोना संक्रमित पाए गए थे और उन्हें 15 नवंबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल की ICU में भर्ती कराया गया था। 1 अक्टूबर को अहमद पटेल ने बताया था कि वह कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने अपने संपर्क में आए लोगों से जांच कराने का आग्रह भी किया था।
8 बार के सांसद अहमद पटेल लोकसभा में तीन और राज्यसभा में पांच कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। उन्हें अगस्त 2018 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के कोषाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। अहमद पटेल ने 1976 में गुजरात के भरूच जिले में स्थानीय निकाय चुनाव लड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। बाद में उन्होंने गुजरात और केंद्र दोनों में कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे की कमान संभाली। 1985 में, उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को संसद सचिव नियुक्त किया गया था। अहमद पटेल ने सरदार सरोवर परियोजना की देखरेख के लिए नर्मदा प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कोई भी कितना ही ग़ुस्सा हो कर जाए उनमें यह क्षमता थी वे उसे संतुष्ट कर ही भेजते थे। मीडिया से दूर, पर कॉंग्रेस के हर फ़ैसले में शामिल। कड़वी बात भी बेहद मीठे शब्दों में कहना उनसे सीख सकता था। कॉंग्रेस पार्टी उनका योगदान कभी भी नहीं भुला सकती। अहमद भाई अमर रहें।
२/२— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 24, 2020
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लिखा- अहमद पटेल नहीं रहे। एक अभिन्न मित्र विश्वसनीय साथी चला गया। हम दोनों सन् 77 से साथ रहे। वे लोकसभा में पहुँचे मैं विधान सभा में। हम सभी कॉंग्रेसीयों के लिए वे हर राजनैतिक मर्ज़ की दवा थे। मृदुभाषी, व्यवहार कुशल और सदैव मुस्कुराते रहना उनकी पहचान थी। उन्होंने लिखा कि कोई भी कितना ही ग़ुस्सा हो कर जाए उनमें यह क्षमता थी वे उसे संतुष्ट कर ही भेजते थे। मीडिया से दूर, पर कॉंग्रेस के हर फ़ैसले में शामिल। कड़वी बात भी बेहद मीठे शब्दों में कहना उनसे सीख सकता था। कॉंग्रेस पार्टी उनका योगदान कभी भी नहीं भुला सकती। अहमद भाई अमर रहें।