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नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री के इस्तीफे के बाद अब उपमुख्यमंत्री की उम्र में छिपा घोटाला आया सामने

बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद यह तय हो गया था कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार ही विराजमान होंगे। कैबिनेट मंत्रिमंडल और उपमुख्यमंत्री के नाम फाइनल करने में एनडीए को कड़ी माथापच्ची करनी पड़ी थी किन्तु अब इसी सूची को लेकर विपक्ष बिहार में एनडीए सरकार पर निशाना साधने में लगा हुआ है। शिक्षा मंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद डॉ. मेवालाल चौधरी को भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से इस्तीफा देना पड़ गया। अब बिहार के उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के चुनावी हलफनामे में उम्र को लेकर बड़ी गड़बड़ी सामने आई है।

साल 2005 के एफिडेविट के मुताबिक, तारकिशोर प्रसाद की उम्र तब 48 साल थी। मगर‌ 5 साल बाद उनकी उम्र में महज एक साल का ही इजाफा हुआ। वहीं 2010 के चुनावी हलफनामे में बताया गया कि वह 49 साल के हैं। ऐसे ही पांच साल बाद यानी कि 2015 के पर्चे में उनकी उम्र 52 साल दर्शाई गई। मतलब इस बार भी साल के हिसाब से ऐज गैप में हुए इजाफे से जुड़ी बड़ी चूक की गई थी। ऐसा इसलिए, क्योंकि हलफनामे के अनुसार उनकी उम्र में केवल तीन साल ही और बढ़े।

राजद ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर एक ताजा ट्वीट किया है। इसमें उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद पर उम्र घोटाला और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। राजद ने अपने ट्वीट में लिखा है- ‘ बिहार के उपमुख्यमंत्री अपनी उम्र में ही घोटाला एवं कमीशन के लिए ठेकेदारों को धमकाने और अपने सभी पारिवारिक सदस्यों को ठेकेदार बनाने में भी लिप्त हैं। पूरा कटिहार जानता है बिना कमीशन के ये क्षेत्र में कोई काम नहीं करते। अब इनके कारनामों से संपूर्ण बिहार परिचित होगा।’ कुछ टि्वटर यूजर्स ने आरजेडी द्वारा शेयर किए गए तारकिशोर के चारों हलफनामे वाला ट्वीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए रीट्वीट किया।

शिक्षा मंत्री द्वारा पदभार ग्रहण करने के कुछ घंटे बाद ही उन्हें मंत्री पद की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। इस मुद्दे पर बिहार में एनडीए सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी खूब किरकिरी हुई थी। अब बिहार के उपमुख्यमंत्री की उम्र को लेकर शुरू हुए विवाद ने बिहार की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है।

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