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निराश्रित गाय पालने वाले किसानों को हर माह 900 रुपये का आर्थिक सहयोग करेगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सड़कों पर घूमने वाली गायों की संख्या में कमी लाने के लिए अनोखी मुहिम शुरू की है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार की इस मुहिम से गायों के खुले घूमने से फसलों को होने वाले नुकसान में कमी आएगी और जरूरतमंद लोगों की आमदनी भी होगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सड़कों और गांवों में खुली घूमने वाली गायों को संरक्षण देने के लिए पिछले दिनों ‘माननीय मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के तहत यह योजना शुरू की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार निराश्रित गाय पालने वाले किसानों को हर माह 900 रुपये देगी। बता दें कि उन्होंने मिर्जापुर जिले में टांडा फॉल स्थित गौशाला का निरीक्षण किया और गोपाष्टमी के अवसर पर गो पूजन किया। मुख्‍यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि निराश्रित गायों को पकड़कर गौशालाओं में रखा जाएगा और इसके बाद ये गाय गांव के किसानों को दी जाएंगी।

 

बता दें कि सितंबर माह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को निर्देश दिए थे कि प्रदेश में जो महिलाएं या बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, उनके घर में गाय उपलब्ध कराई जाए। हालांकि ये ऐच्छिक होगा। माने वो परिवार गाय पालने का इच्छुक हो और उनके पास गाय रखने के लिए पर्याप्त जगह हो। साथ ही गाय के भरण-पोषण के लिए हर महीने यूपी सरकार 900 रुपए भी देगी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गाय की इस योजना का लाभ उठाने वाले किसानों और गायों का हर माह निरीक्षण भी होगा। योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ तभी है जब लोगों को उसके बारे में जानकारी हो। उन्होंने 11 कुपोषित परिवारों को गाय सौंपते हुए कहा, ‘जब इन परिवारों के बच्चों को दूध मिलेगा तो उनका कुपोषण दूर होगा और बच्चे स्वस्थ होंगे और जब बच्चे स्वस्थ होंगे तो देश और समाज का भविष्य उज्जवल होगा।’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौशाला में गाय के बछड़ों से दुलार करते हुए (फाइल फोटो)

जानकारी के मुताबिक, मार्च-2021 तक ये देखा जाएगा कि कौन सा जिला कुपोषण को कम करने में कैसा काम कर रहा है। इसके आधार पर जो जिला सबसे अच्छा काम करेगा, उसे पुरस्कार भी दिया जाएगा। ‘न्यूट्रीशन ड्राइव’ का अलग-अलग स्तर पर लगातार रिव्यू किया जाएगा। जिला स्तर पर हफ्ते-दर-हफ्ते रिव्यू किया जाएगा। मुख्य सचिव स्तर पर महीने-दर-महीने रिव्यू और सीएम हर दो-दो महीने में रिव्यू करेंगे कि कुपोषण दूर करने का काम कैसा चल रहा है।

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