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अब कांग्रेस की हार पर गुलाम नबी आजाद ने तोड़ी चुप्पी, कहा- 5 स्टार होटलों में बैठ चुनाव नहीं जीत सकते

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में हार के बाद कांग्रेस पार्टी में चल रही कलह पर पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने चौंकाने वाला बयान दिया है। बता दें कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व को दोषी ठहराया था। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मच गया। अब गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम सभी नुकसान के बारे में चिंतित हैं, खासकर बिहार और उपचुनाव परिणामों के बारे में। मैं नुकसान के लिए नेतृत्व को दोष नहीं देता हूं। क्योंकि पार्टी के बड़े नेताओं का जमीनी स्तर पर संपर्क टूट गया है। ब्लॉग लेवल पर, जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं का संबंध लोगों से टूट गया है। आदमी को पार्टी से इश्क होना चाहिए। गुलाम नबी आजाद ने शेर सुनाते हुए कहा कि ये इश्क़ नहीं आसां इतना ही समझ लीजिए, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है।
Polls aren't worn by 5-star culture. Problem with leaders today is if they get a party ticket, they first book a 5-star hotel. They won't go if there's a rough road. Till the time 5-star culture is given up, one can't win elections: Congress leader Ghulam Nabi Azad https://t.co/ZztM1gJMor pic.twitter.com/HggaZNu3dZ
— ANI (@ANI) November 22, 2020
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी में टिकट वितरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव 5-सितारा होटल में बैठकर नहीं जीते जाते। आज नेताओं के साथ समस्या यह है कि अगर उन्हें पार्टी का टिकट मिलता है, तो वे पहले 5-सितारा होटल बुक करते हैं। अगर कहीं कोई उबड़-खाबड़ सड़क है तो वे वहां नहीं जाएंगे। जब तक ये कल्चर हम नहीं बदलेंगे, हम चुनाव नहीं जीत सकते।
We all are worried about losses, especially about Bihar & by-polls results. I don't blame the leadership for the loss. Our people have lost the connection on the ground. One should be in love with their party: Congress leader Ghulam Nabi Azad on being asked about recent losses pic.twitter.com/pnmcwBnVLs
— ANI (@ANI) November 22, 2020
पार्टी में सुधार की बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, “हमारा ढांचा कमजोर है, हमें ढांचा पहले खड़ा करना पड़ेगा। फिर उसमें कोई भी नेता हो चलेगा। सिर्फ नेता बदलने से आप कहेंगे कि पार्टी बदल जाएगी, बिहार आएगा, मध्य प्रदेश आएगा, उत्तर प्रदेश आएगा, नहीं वो सिस्टम से बदलेगा।” आजाद ने कहा कि हमारे लोगों का ब्लॉक स्तर पर, जिला स्तर पर लोगों के साथ कनेक्शन टूट गया है। जब कोई पदाधिकारी हमारी पार्टी में बनता है तो वो लेटर पैड छाप देता है, विजिटिंग कार्ड बना देता है, वो समझता है बस मेरा काम ख़त्म हो गया, काम तो उस समय से शुरू होना चाहिए। पार्टी के पदाधिकारियों पर बरसते हुए आजाद ने आगे कहा कि पार्टी के पदाधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। जब तक उन्हें पदाधिकारी नियुक्त नहीं किया जाता, तब तक वे कहीं नहीं जाएंगे, लेकिन अगर सभी पदाधिकारी चुने जाते हैं, तो वे अपनी जिम्मेदारी समझेंगे। अब वक्त है कि हर किसी को पार्टी में पद दिया जाए।
Office bearers should understand their responsibility. Till the time, office bearers are appointed, they won't go. But if all office bearers are elected, then they will understand their responsibility. Right now, anyone gets any post in the party: Congress Leader Ghulam Nabi Azad https://t.co/SQ2iSzt7Rd pic.twitter.com/TXsKyXA9Sp
— ANI (@ANI) November 22, 2020
कांग्रेस पार्टी के पतन पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारी पार्टी हो या कोई अन्य, चाटुकारिता की संस्कृति पार्टी के साथ-साथ नेताओं के पतन का मुख्य कारण बन गई है। हमें हर स्तर पर इस संस्कृति से दूर रहना चाहिए। राजनीति एक तपस्या है। उन लोगों को शर्म आनी चाहिए, जो आनंद और धन के लिए राजनीति में शामिल होते हैं। आजाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कोई विद्रोह नहीं है। विद्रोह का अर्थ है किसी को प्रतिस्थापित करना। पार्टी अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य उम्मीदवार नहीं है। यह कोई विद्रोह नहीं है। यह सुधारों के लिए है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘मैं कोरोना महामारी के कारण गांधी परिवार को क्लीन चिट दे रहा हूं क्योंकि वे अभी बहुत कुछ नहीं कर सकते। हमारी मांगों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वे हमारी अधिकांश मांगों पर सहमत हो गए हैं। यदि वे राष्ट्रीय विकल्प बनना चाहते हैं और पार्टी को पुनर्जीवित करना चाहते हैं तो हमारे नेतृत्व को चुनाव कराना चाहिए। इस बीच गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता लमान खुर्शीद ने एक इंटरव्यू में कहा कि कांग्रेस में अपनी बात कहने के पर्याप्त फोरम हैं और भीतर की बात बाहर करने से पार्टी आहत हुई है। खुर्शीद का यह बयान तब आया है, जब बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल सहित कई अन्य नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं।