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लव जिहाद कानून का विरोध करते हुए बोले ओवैसी- कानून बनाने वाले पहले संविधान पढ़ें

मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार प्रमुखता से ऐलान कर चुके हैं कि जल्द ही ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कठोर कानून लाया जाएगा। इन्हीं चर्चाओं के बीच कुछ दिन पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लव जिहाद को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा था। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि भाजपा देश में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। अब एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लव जिहाद पर कानून लाने वाले राज्‍यों को संविधान पढ़ने की नसीहत दी है। ओवैसी ने विरोध जताते हुए कहा कि ऐसा कोई भी कानून संविधान के अनुच्‍छेद 14 और 21 का उल्‍लंघन है। बीजेपी पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाकर ओवैसी ने कहा कि यह महज ग्रेटर हैदराबाद म्‍युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनावों (जीएचएमसी) को सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं।

 

हैदराबाद से एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने आगे कहा, ‘ऐसे कानून संविधान के अनुच्‍छेद 14 और 21 का उल्‍लंघन होंगे। अगर ऐसा ही करना है तो स्‍पेशल मैरिज ऐक्‍ट को ही खत्‍म कर दें। नफरत का यह दुष्‍प्रचार नहीं चलेगा। बीजेपी बेरोजगार युवाओं को भटकाना चाहती है। हैदराबाद में बाढ़ आई थी मोदी सरकार ने उस समय क्‍या मदद दी? मोदी सरकार जीएचएमसी चुनावों को सांप्रदायिक रंग देना चाहती है लेकिन इस बार यह काम नहीं करेगा क्‍योंकि लोग असलियत जानते हैं।’ ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अगर आप बीजेपी के नेता को रात में जगाकर कुछ भी पूछेंगे तो उनके मुंह से ओवैसी, गद्दार, आतंकवाद और आखिर में पाकिस्‍तान का नाम निकलेगा। बीजेपी को बताना चाहिए कि तेलंगाना खासकर हैदराबाद को उन्‍होंने साल 2019 के बाद कौन सी आर्थिक मदद दी।’

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक हो या गुजरात सब इस पर कानून बनाने के लिए मसौद तैयार करने में लग गए हैं। वहीं कांग्रेस शासित राज्यों द्वारा इस तरह का कानून लाने का विरोध किया जा रहा है। अब एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी लव जिहाद पर कानून बनाने का खुलकर विरोध जताया है।

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