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ब्रिक्स में पीएम मोदी ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा और यूएन में सुधार करने की बात पर दिया जोर

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार करने की बात पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को दंडित किए जाने की जरूरत पर साथी देशों का ध्यान केंद्रित किया।
Speaking at the BRICS Summit. https://t.co/e2X66cZ5so
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जमकर तारीफ की। इस भाषण में दिलचस्प बात यह रही कि पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का जिक्र तक नहीं किया। पीएम मोदी के भाषण के दौरान जिनपिंग कैमरे के बजाय ज्यादातर वक्त अपने बायें तरफ देखते रहे।
संयुक्त राष्ट्र खासकर यूएनएससी में वर्तमान समय के अनुसार बदलाव का मुद्दा उठाते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आज मल्टिलेटरल सिस्टम एक संकट के दौर से गुजर रहा है। ग्लोबल गवर्नेंस के संस्थानों की क्रेडिबिलिटी और इफेक्टिवनेस दोनों पर ही सवाल उठ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इनमें समय के साथ उचित बदलाव नहीं आया है। ये अभी भी 75 साल पुराने के विश्व की मानसिकता और वास्तविकता पर आधारित हैं। भारत का मानना है कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में रिफॉर्म्स बहुत ही अनिवार्य है। इस विषय पर हमें अपने ब्रिक्स पार्टनर्स के समर्थन की अपेक्षा है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के अलावा दूसरे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भी साथी देशों को सुधार की जरूरत बताई। उन्होंने कहा, ‘यूएन के अतिरिकत कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन भी वर्तमान वास्तविकताओं के हिसाब से काम नहीं कर रहे हैं। WTO, IMF, WHO जैसे संस्थानों में भी सुधार होना चाहिए।’
2021 में BRICS के 15 वर्ष पूरे हो जाएंगे।
पिछले सालों में हमारे बीच लिए गए विभिन्न निर्णयों का मूल्यांकन करने के लिए हमारे शेरपा एक रिपोर्ट बना सकते हैं।
2021 में अपनी अध्यक्षता के दौरान हम BRICS के तीनों स्तंभों में intra-BRICS सहयोग को मजबूत करने का प्रयत्न करेंगे: PM
— PMO India (@PMOIndia) November 17, 2020
संयुक्त राष्ट्र की इस वर्ष 75वीं वर्षगांठ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूएन के मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता अडिग है। उन्होंने कहा, ‘इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की भी 75वीं वर्षगांठ है। यूएन के एक संस्थापक सदस्य के रूप में भारत मल्टिलेटरलिजम का समर्थक रहता है। भारतीय संस्कृति में भी पूरे विश्व को एक परिवार की तरह माना गया है। इसलिए हमारे लिए यूएन जैसी संस्था का समर्थन स्वाभाविक था। यूएन के मूल्यों के प्रति हमारा कमिटमेंट अडिग रहा है। पीसकीपिंग ऑपरेशंस में सबसे अधिक वीर सैनिक भारत ने ही खोए हैं।’
बता दें कि पीएम मोदी ने भाषण की शुरुआत में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, ‘इस साल दूसरे विश्वयुद्ध की 75वीं वर्षगांठ पर वीरगति पाए सैनिकों को हम श्रद्धांजलि देते हैं। भारत से भी 25 लाख वीर इस युद्ध में यूरोप, अफ्रीका और साउथ-ईस्ट एशिया जैसे कई फ्रंट पर सक्रिय थे।’
आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है।
हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए, और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए: PM
— PMO India (@PMOIndia) November 17, 2020
आतंकवाद पर बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा, ‘आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए। हमें खुशी है कि रूस की अध्यक्षता के दौरान ब्रिक्स काउंटर टेररजिज्म स्ट्रेटिजी को अंतिम रूप दे दिया गया है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और भारत इस कार्य को अपनी अध्यक्षता के दौरान और आगे बढ़ाएगा।’
पीएम मोदी ने वैश्विक महामारी कोरोनावायरस को लेकर कहा, ‘कोविड-19 के बाद की वैश्विक रिकवरी में ब्रिक्स इकॉनमीज की अहम भूमिका होगी। हमारे बीच विश्व की 42 प्रतिशत से अधिक आबादी बसती है। हमारे देश ग्लोबल इकॉनमी के मुख्य इंजन में से हैं। ब्रिक्स देशों के बीच आपसी व्यापार बढ़ाने का बहुत स्कोप है। हमारी आपसी संस्थाएं और सिस्टम जैसे ब्रिक्स इंटरबैंक कोऑपरेशन मकैनिजम, न्यू डिवेलपमेंट बैंक, कस्टम्स को-ऑपरेशंस भी वैश्विक रिकवरी में हमारे योगदान को कारगर बना सकते हैं।’
हमने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत एक व्यापक reform process शुरू किया है।
यह campaign इस विश्वास पर आधारित है कि एक self-reliant और resilient भारत post-COVID वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए force multiplier हो सकता है और global value chains में एक मजबूत योगदान दे सकता है: PM
— PMO India (@PMOIndia) November 17, 2020
कोविड-19 की वैक्सीन पर बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर दुनिया को भरोसा दिया कि भारत की वैक्सीन उत्पादन और डिलिवरी क्षमता पूरे विश्व में मानवता के हित में काम आएगी। उन्होंने कहा, ‘भारत में हमने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक व्यापक रिफॉर्म प्रोसेस शुरू किया है। कोविड के दौरान भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमताओं के कारण हम 50 से ज्यादा देशों को दवाएं भेज पाए। हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलिवरी क्षमता भी मानवता के हित में काम आएगी। अपनी ब्रिक्स अध्यक्षता के दौरान भारत डिजिटल हेल्थ और ट्रेडिशनल मेडिसिन में सहयोग बढ़ाने पर काम करेगा। इस मुश्किल दौर में भी रूसी अध्यक्षता में लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए कई अहम पहल किए गए जैसे युवा वैज्ञानिकों, राजनयिकों की बैठकें, ब्रिक्स फिल्म फेस्टिवल। इसके लिए राष्ट्रपति पुतिन को बधाई।’