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नीतीश कुमार के शपथग्रहण समारोह में नहीं जाएंगे तेजस्वी यादव, ट्विट कर शपथ ग्रहण का किया बायकॉट

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के जीतने के बाद मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार का नाम फाइनल हो चुका है। आज सोमवार शाम को नीतीश कुमार 7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेते हुए एक अनोखा रिकॉर्ड बना देंगे। इस बार शपथग्रहण कार्यक्रम को राजभवन में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी पटना पहुंच रहे हैं।
इस शपथ ग्रहण समारोह में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहे तेजस्वी यादव शामिल नहीं होंगे। RJD ने इस बारे में ट्विट करते हुए कहा, ‘राजद शपथ ग्रहण का बायकॉट करती है। बदलाव का जनादेश NDA के विरुद्ध है। जनादेश को ‘शासनादेश’ से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों,किसानो, संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछे कि उनपर क्या गुजर रही है।NDA के फर्ज़ीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि है और जनता के साथ खड़े है।’
राजद शपथ ग्रहण का बायकॉट करती है। बदलाव का जनादेश NDA के विरुद्ध है। जनादेश को 'शासनादेश' से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों,किसानो,संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछे कि उनपर क्या गुजर रही है।NDA के फर्ज़ीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि है और जनता के साथ खड़े है
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 16, 2020
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत 15 लोगों को राज्यपाल फागू चौहान द्वारा आज शाम साढ़े चार बजे शपथ दिलाए जाने की संभावना है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक नई सरकार के इस पहले शपथ ग्रहण समारोह में जो नेता शपथ लेंगे उनमें छह जदयू, छह भाजपा और एक-एक हम और वीआईपी से होंगे। जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री समेत 15 नेताओं के शपथ की भी चर्चाएं हैं। ऐसी स्थिति में भाजपा और जदयू से छह-छह लोगों द्वारा शपथ ली जाएगी।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को 74 सीटें मिली हैं। जबकि, नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड को 43 सीटें मिली हैं। वहीं महागठबंधन में राजद को 75 सीटें मिली हैं और वह इस बार सदन में सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं, महागठबंधन के दलों में कांग्रेस को 19 और वाम दलों को 16 सीटों पर जीत मिली थी।