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कांग्रेस की तकरार आई बाहर! कपिल सिब्बल ने सोनिया-राहुल के नेतृत्व पर उठाए गंभीर सवाल

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल होकर भी कांग्रेस पार्टी सत्ता का सुख भोगने से वंचित रह गई। अब कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पिछले कई चुनावों में पार्टी की लगातार हार से हताश होकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है। कपिल सिब्बल ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने हार को ही अपनी नियती मान ली है।

उन्होंने आगे कहा कि ऐसा लगता है जैसे जनता अब कांग्रेस को एक विकल्प के तौर पर भी नहीं देखती है। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने भी बिहार विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर आत्मचिंतन करने की बात कही थी।

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125 सीटें मिलीं। वहीं महागठबंधन को 110 सीटें हासिल हुई हैं। एनडीए में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी। बीजेपी को 74 सीट, जेडीयू को 43 सीट, वीआईपी और हम को 4-4 सीट हासिल हुईं। बिहार में महागठबंधन के तहत कांग्रेस पार्टी 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इसमें केवल 19 सीट ही कांग्रेस के खाते में आईं। इससे महागठबंधन को भी बड़ा झटका लगा था और वह बहुमत का आंकड़ा नहीं जुटा पाई।

कपिल सिब्बल ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने मान लिया है कि पराजय ही उनकी नियती बन गयी है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव केक नतीजों से भी यही लगता है कि लोग अब कांग्रेस को विकल्प के रूप में नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात में हुए उपचुनाव में हम एक भी सीट नहीं जीत पाए। लोकसभा चुनाव में भी यही हाल था। बिहार में तो आरजेडी ही एक विकल्प था, लेकिन कांग्रेस को जो नुकसान हुआ है, उसकी समीक्षा की जानी चाहिए। मुझे नहीं पता कि कांग्रेस नेतृत्व इसे भी एक सामान्य घटना मान रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में कांग्रेस के कई प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी। ऐसी सीटों पर कांग्रेस को 2 फीसदी वोट भी नहीं मिले हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिब्बल ने कहा कि हम जानते हैं कि सांगठनिक तौर पर क्या समस्या है। इसका समाधान भी सबको पता है। कांग्रेस पार्टी भी जानती है कि समाधान कैसे होगा, लेकिन समाधान को अपनाने से कतराते हैं। अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले समय में परिणाम और भी बुरे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी को पार्टी के संविधान के अनुसार लोकतांत्रिक बनाना होगा। अभी सीडब्ल्यूसी में केवल नामित सदस्य हैं जो समाधान अपनाना नहीं चाहते।

गौरतलब है कि कुछ समय पहले कपिल सिब्बल सहित 22 कांग्रेसी नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर व्यापक स्तर पर पार्टी में सुधारों की मांग की थी। इस बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘तब से अब तक इस विषय में कोई बातचीत नहीं हुई है। पार्टी नेतृत्व द्वारा संवाद का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। चूंकि अपने विचार व्यक्त करने के लिए कोई मंच नहीं है, इसलिए मैं सार्वजानिक रूप से ऐसा करने पर विवश हूं’। बता दें कि इस पत्र को लेकर CWC (कांग्रेस वर्किंग कमिटी) की बैठक में जमकर हंगामा हुआ था।

बिहार में एनडीए की जीत के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के रूप में 7वीं बार शपथ लेंगे। फिलहाल पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को पद से हटाया गया है। संभावना जताई जा रही है कि उन्हें राज्यसभा में भेजा जा सकता है। बिहार में उपमुख्यमंत्री के लिए दो नामों पर मुहर लगाई जा सकती है। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी विधानसभा अध्यक्ष के लिए अपनी पार्टी के नेता का नाम फाइनल करने की प्रक्रिया में व्यस्त है।

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