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मिलिंद सोमन की न्यूड फोटो की तुलना नागा साधुओं से करने पर ट्रोल हुई एक्ट्रेस पूजा बेदी

बॉलीवुड अभिनेता और मॉडल मिलिंद सोमन ने 4 नवंबर को अपने जन्मदिन के मौके पर न्यूड होकर दौड़ लगाते हुए की अपनी एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की थी। इस तस्वीर पर कई लोगों ने आपत्ति जताई। वहीं गोवा में मिलिंद सोमन के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर दी गई। गोवा की एक सरकारी इमारत में न्यूड फोटोशूट कराने को लेकर मॉडल और अभिनेत्री पूनम पांडे पर भी एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। ऐसे में अब अभिनेत्री पूजा बेदी ने मिलिंद सोमन का समर्थन करते हुए एक विवादित ट्विट किया है।

एक्ट्रेस पूजा बेदी ने एक्टर मिलिंद सोमन का समर्थन करते हुए उनकी तस्वीर की तुलना नागा साधुओं से करते हुए लिखा, ‘मिलिंद सोमन की तस्वीर में कोई बुराई नहीं है। बुराई तस्वीर देखकर बहुत ज्यादा कल्पना करने वालों में हैं। उनका अपराध सिर्फ इतना है कि वह दिखने में अच्छे हैं और मशहूर हैं। उन्होंने कहा, यदि नग्नता एक अपराध है तो सभी नगा बाबाओं को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।’

गोवा बीच पर न्यूड दौड़ने और उसकी यह फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करने पर अभिनेता और मॉडल मिलिंद सोमन पर हो चुका है केस दर्ज

इस अमर्यादित ट्विट के बाद सोशल मीडिया पर पूजा बेदी को लगातार ट्रोल किया जा रहा है और अब साधु समाज भी उनकी इस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। श्री राम जन्मभूमि राम लला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने नागा साधुओं की तुलना मिलिंद सोमन से करने वाले पूजा बेदी के बयान पर जवाब देते हुए कहा है कि – ‘नागा एक संप्रदाय है जो निर्वस्त्र रहते हैं। उसी तरह जैन समाज के लोग भी निर्वस्त्र रहते हैं। ये दोनों संप्रदाय के लोग अपने इंद्रियां वश में रखते हैं। इसमें किसी तरीके कोई विकार नहीं होता है। यह परमात्मा में रमे रहते हैं, यही उनका उद्देश होता है। इनकी तुलना एक नंगे दौड़ने वाले हीरो से करना यह गलत है।’

कुम्भ मेले में शामिल होने आए नागा साधुओं का एक समूह (प्रतीकात्मक तस्वीर)

आचार्य सत्येंद्र दास ने आगे कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों पर किसी हिरोइन का आक्षेप करना उचित नहीं है। ऐसा कहना कि नागा साधुओं को क्यों नहीं अरेस्ट किया गया यह सोच बहुत निंदनीय है और संत और साधक सिद्धों का अपमान है। आचार्य सत्येंद्र दास ने पूजा बेदी को सुझाव दिया है कि वे संतों का अपमान न करें और न ही संतों से वह किसी तरीके की कोई तुलना करें। संत एक साधक होता है जो देश ही नहीं पूरे विश्व के कल्याण के लिए सोचता है।

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