Breaking NewsBusinessTechTop Newsछत्तीसगढ़देशवायरलसमय विशेषसोशल मीडिया

स्वदेशी अपनाओ: कुम्हार ने बनाया ‘जादुई दीपक’, अपने आप तेल भरते हुए 24 घंटे लगातार जलता है यह दीपक

वैश्विक स्तर पर आंकलन किया जाए तो हमारे भारत में सबसे अधिक बुद्धिमान और हुनरमंद लोग मिल जाएंगे। बस! उन्हें एक मौका मिलने की बात होती है। हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली पर जहां विदेशी सामान का बहिष्कार करते हुए स्वदेशी अपनाओ की चर्चा चल रही है और राज्य सरकारें और न्यायपालिका वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर माथापच्ची कर रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में रहने वाले अशोक चक्रधारी ने अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए मिट्टी का एक ऐसा दीपक बनाया है जो 24 से 40 घंटे तक लगातार जल सकता है। इस अनोखे दीपक की सबसे खास बात ये है कि इस दीपक में तेल अपने आप ही भरता जाता है। उन्होंने अपने इस अनोखे दीपक को ‘जादुई दीया’ (Magic Lamp) नाम दिया है।

इस दिए का आकार गुंबद जैसे है जिसमें तेल स्टोर किया जाता है। वहीं इसमें एक ट्यूब टाइप संरचना बनी है जिससे दीपक में तेल भरता रहता है। मंदिर में दीया जलाकर इसमें बार-बार तेल/घी डालने का ध्यान रखने में काफी समय व्यतीत होता है और कई बार हम लगातार तेल डालना भूल भी जाते हैं तो दीपक बुझ भी जाता है। अब इसका हाल निकलते हुए कुम्हार अशोक ने यह अनोखा दीपक बनाया है। इस दीपक का आकार गुंबद जैसा है जिसमें तेल स्टोर किया जाता है। वहीं इसमें एक छोटे से पाइप की भांति संरचना बनी हुई है जिससे दीपक में तेल भरता रहता है।

 

 

छत्तीसगढ़ के अशोक चक्रधारी ने बताया कि उन्हें यह आइडिया एक यूट्यूब वीडियो देखकर आया। उन्होंने बताया कि ‘मैं अपनी कला को निखारने के लिए लगातार नए नए आइडियाज़ खोजता रहता हूं। मेरी हमेशा यही कोशिश रहती है कि कुछ काम की चीजें बनाऊं। अशोक ने आगे बताया कि 2019 की दिवाली के पहले मैं दीपक बनाने के लिए एक नई डिजाइन खोज रहा था। तभी मेरी नजर एक ऐसे दीपक पर पड़ी जिसमें एक गुंबद आकृति बनी थी जो तेल स्टोर करता था और दीपक में बार बार उसे भरता भी था। मुझे ये पसंद आया और मैंने निर्णय लिया कि मैं इसे जरूर बनाऊँगा।

 

पिछले 40 वर्षो से कुम्हार का काम कर रहे अशोक चक्रधारी कहते हैं,”अब हमारे काम में बहुत सी चुनौतियाँ आ गई हैं। स्टील, प्लास्टिक एवं प्लास्टर ऑफ़ पेरिस के सामान बाज़ार में उपलब्ध होने से अब लोग मिट्टी के सामान नहीं खरीदते हैं और जो खरीदते हैं वे पूरे दाम देने के लिए तैयार नहीं होते हैं। उपयुक्त मिट्टी-पानी की कमी, बदलते मौसम, टूट-फूट से होने वाले घाटे सामान्य हैं, लेकिन इसके बाद भी मैं निराश नहीं होता। कई साथी कुम्हार इस काम को छोड़कर दूसरा काम करने लगे हैं और मुझसे भी कहते हैं कि मैं कुछ और कर लूँ, लेकिन मैं मिट्टी के काम में निरंतर सम्भावना ढूंढ़ता हूँ। हर बार सफलता नहीं मिलती लेकिन सीखने को जरूर मिलता है।”

अशोक का मक़सद मिट्टी का काम कर सिर्फ पैसे कमाना नहीं है, बल्कि इस परंपरा को जीवित रखना है। अपने काम के बाद वे नवांकुर कुम्हारों को मिट्टी का काम सिखाते हैं। इस काम में अकूट संभावनाएं हैं, तथा नई पीढ़ी अपनी मेहनत से इस काम को नया आयाम दे सकती है। अशोक मिट्टी की मूर्तियां, दैनिक उपयोग की वस्तुएं, सजावटी सामान का निर्माण कर ज़्यादा से ज़्यादा रोजगार के अवसर पैदा करना चाहते हैं ताकि कोई भी इस पारम्परिक काम को न छोड़े।

बता दें कि जैसे ही अशोक चक्रधारी का ये जादुई दीपक सोशल मीडिया पर वायरल हुआ उन्हें इसके लिए ढ़ेर सारे ऑर्डर मिलने लगे। वे बताते हैं कि मैंने इस अनोखे दीपक को बनाने की तकनीक कई ऑनलाइन वीडियोज़ देखकर सीखी हैं। मुझे इस तरह के दीपक बनाने के लिए काफी सारे ऑर्डर मिल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अशोक को दिल्ली, मुंबई, भोपाल के अलावा देश के अलग-अलग बड़े शहरों से ऑर्डर के लिए फ़ोन आ रहे हैं।

अशोक चक्रधारी कच्ची मिट्टी को आकार देकर बोलती तस्वीर व जीवंत मूर्तियां तैयार करने में माहिर हैं। बस्तर के पारंपरिक शिल्प झिटकू-मिटकी के नाम से अशोक ने कला केंद्र स्थापित किया है। पिछले वर्ष इनकी मिट्टी की कलाकारी से प्रभावित होकर केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने इन्हें मेरिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया था, वहीं इस वर्ष अशोक द्वारा निर्मित जादुई दिया पूरे देश में बिक रहा है।

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में, इस जादुई दिये की कीमत 200 रुपये है। बाहर के लोगों के लिए पैकेजिंग एवं ट्रांसपोर्ट का शुल्क अलग से जोड़ा जायेगा तथा उनके पते पर भेज दिया जाएगा। अगर आप भी यह जादुई दिया खरीदना चाहते हैं तो 9165185483 पर संपर्क कर सकते हैं।

✍️ रिपोर्ट: दिनेश दिनकर

Tags

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Close