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हरियाणा के पंचायत चुनाव में महिलाओं को मिलेगा 50% आरक्षण, विधानसभा में पास हुआ बिल

हरियाणा सरकार ने पंचायती राज से जुड़े एक विधेयक में संशोधन करते हुए तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इन फैसलों में राइट टू रीकॉल, पंचायती चुनावों में महिलाओं को 50 % आरक्षण और बीसी-ए वर्ग के पिछड़ों को भी 8 % आरक्षण दिए जाना शामिल हैं। विधानसभा में सरकार ने शुक्रवार को हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 पारित कर इन अहम फैसलों को लागू किया।
बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार ने हरियाणा में महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए पंचायती चुनावों में महिलाओं को 50 % आरक्षण निर्धारित कर दिया है। जिसके बाद अगले 10 साल में हर गांव में कोई न कोई महिला सरपंच जरुर बन सकती है। इस लिहाज से पंचायती राज में महिलाओं को 50 % भागीदारी मिलेगी। सम-विषम संख्या के आधार पर महिला एवं पुरुष के लिए सीट आरक्षित होंगी। हर गांव में अब बारी बारी से महिला-पुरुष सरपंच बन सकेंगे। जिस गांव में महिला सरपंच निर्वाचित होगी, अगली योजना में उस गांव में पुरुष सरपंच होगा।
विधानसभा में इस महत्वपूर्ण बिल के पास होने पर राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश की महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि यह बिल प्रदेश की महिलाओं में नए आत्मविश्वास का संचार करेगा और उन्हें सशक्त करेगा। भविष्य में होने वाले पंचायती राज संस्थाओं यानी जिला परिषद, ब्लॉक पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों के चुनावों में यह नियम लागू हो जाएगा। प्रत्येक गांव को सम-विषम संख्या के आधार पर कोड दिए जाएंगे। पहली बार में सम क्रम वाले गांवों में सरपंच महिला रहेगी और अगली बार विषम क्रम संख्या वाले गांवों में महिला सरपंच बनेगी। इस तरह हर दस वर्ष में से पांच वर्ष हरियाणा के हर गांव में महिला सरपंच होंगी। आरक्षित पदों पर भी यह नियम लागू होगा और उनमें भी सम-विषम संख्या के आधार पर पद आरक्षित होंगे। यही नहीं, ग्राम पंचायत के पंचों के विषय में भी यही प्रक्रिया रखी जाएगी और 50 % पंचों के पद महिलाओं के लिए रहेंगे।
बता दें कि ये व्यवस्था न केवल ग्राम पंचायतों बल्कि जिला परिषद और ब्लॉक पंचायत समितियों में भी लागू होगी। यह व्यवस्था ग्राम पंचायतों से आगे बढक़र जिला परिषद और ब्लॉक पंचायत समिति में भी लागू होगी। जिला परिषद और ब्लॉक समिति के सदस्यों और चेयरमैन के पदों के लिए भी ऑड-ईवन का फार्मूला इस्तेमाल किया जाएगा।