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Arnab Goswami की गिरफ्तारी पर बोले पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह, कहा- आतंकी कसाब के साथ भी ऐसा नहीं हुआ होगा

रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर पूर्व आर्मी चीफ और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस जिस तरह का व्यवहार अर्नब गोस्वामी के साथ कर रही है, मेरे ख्याल से इस तरह का व्यवहार कसाब के साथ भी नहीं किया होगा।
पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने मौजूदा समय की तुलना आपातकाल से करते हुए कांग्रेस पार्टी पर भी जमकर निशाना साधते हुए कहा, ‘जैसा कि हम लोगों ने आपातकाल में भी देखा था, जहां कांग्रेस का हाथ होता है, वहां कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर होता है। उस समय इंडियन एक्सप्रेस और रामनाथ गोयनका को काफी कुछ किया गया था। आज मुझे वहीं रिपब्लिक के खिलाफ होती दिखाई दे रही है।’
रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन चीफ अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करते हुए मुंबई पुलिस
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने आगे कहा, ‘अर्नब गोस्वामी को जिस केस में गिरफ्तार किया गया है, वह साल 2018 में बंद हो चुका था। अगर केस 2018 में बंद हो चुका था तो आज आप झूठे तरीके से क्यों उठा रहे हैं। आज महाराष्ट्र पुलिस पर किसी को भी विश्वास नहीं है। महाराष्ट्र की पुलिस ने जिस तरह से अर्नब के साथ व्यवहार किया है, उस तरह किसी भी सभ्य देश की पुलिस नहीं करती है।’
बता दें कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन चीफ अर्नब गोस्वामी को बुधवार को मुंबई पुलिस ने इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक को आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने केस में गिरफ्तार किया है। इसके बाद रायगढ़ जिले में अलीबाग की एक कोर्ट ने उन्हें 14 दनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि, पत्रकार अर्नब के वकील ने जमानत याचिका दायर की है। पुलिस ने बताया कि धारा 306 और 34 के तहत अर्नब को गिरफ्तार किया गया है। सुसाइड केस में अर्बन गोस्वामी के अलावा फिरोज मोहम्मद शेख और नितेश सारदा भी आरोपी हैं, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीनों कथित आरोपियों द्वारा बकाया राशि न देने पर 53 वर्षीय एक इंटीरियर डिजाइनर और उसकी मां के आत्महत्या करने के मामले की सीआईडी द्वारा पुनः जांच करने के आदेश दिए गए थे। कथित तौर पर अन्वय नाइक द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट में कहा गया था कि आरोपियों ने उनके 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया था, इसलिए उन्हें आत्महत्या का कदम उठाना पड़ा। हालांकि रिपब्लिक टीवी ने आरोपों को खारिज कर दिया था।
इस गिरफ्तारी के बाद बहुत से मीडिया संस्थान पत्रकार अर्णब गोस्वामी के समर्थन में आ गए हैं। वहीं महाराष्ट्र सरकार चौतरफा घिरती नजर आ रही है।