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मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा इस्लाम में सुधार की है जरूरत

फ्रांस में हुए आतंकी हमले के बाद दुनिया के साथ अनेक विख्यात लोग भी अपनी अलग विचारधारा के चलते भीड़ से अलग नजर आ रहे हैं। मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने फ्रांस की घटना को सही ठहराकर बैठे-बैठे लोगों की आलोचना झेलनी पड़ रही है। वहीं, बांग्लादेश की मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन से फ्रांस की घटना पर चर्चा की तो लेखिका तसलीमा ने कहा कि इस्लाम में बड़े पैमाने पर सुधार की जरूरत है, नहीं तो इस्लाम का भविष्य अच्छा नहीं है। तस्लीमा नसरीन ने हाल ही में ट्विटर पर भी लिखा था, “इस्लाम धर्म में सुधार की जरूरत है, नहीं तो आधुनिक सभ्यता में इस धर्म के लिए कोई जगह नहीं है।” बता दें कि तस्लीमा नसरीन ने 29 अक्टूबर 2020 को अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से एक ट्वीट पोस्ट किया, जिसमें ’बॉयकॉट इस्लाम’ लिखा था। विदेशियों के क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी के समक्ष दायर शिकायत में कहा गया है कि नई दिल्ली में वीजा पर रहने वाली तस्लीमा नसरीन (स्वीडन की नागरिक) ने वीजा मानदंडों का व्यापक उल्लंघन करते हुए अपने ट्वीट के माध्यम से भारत में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का प्रयास किया है।
एक्टिविस्ट तस्लीमा नसरीन के खिलाफ कांग्रेस समर्थक साकेत गोखले ने शिकायत दर्ज करवाई है। साकेत ने लेखिका तस्लीमा के खिलाफ भारत में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने की कोशिश करने को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। गोखले ने गृह मंत्रालय के वीजा विंग और एफआरआरओ को लिखे अपने पत्र में कहा कि नसरीन का ट्वीट ‘हमारे देश में सांप्रदायिक विद्वेष और नफरत फैलाने का एक कुत्सित और जानबूझकर किया गया प्रयास’ है। शिकायत में आगे कहा गया है, “यह नोट किया जा सकता है कि किसी भी तरह के वीजा पर रहने वाले विदेशियों को देश में उनके निवास के दौरान राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है।” गोखले ने सरकार से मामले का तत्काल संज्ञान लेने का अनुरोध किया।
Have filed a complaint with the visa section of Union Home Ministry as well as FRRO Delhi against Taslima Nasreen trying to spread communal hate & disharmony in India despite being here on a visa.
A Swedish national spreading communal hate speech in India will NOT be tolerated. pic.twitter.com/k6myMlqMOG
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) October 30, 2020
गौरतलब है कि फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर चल रहे विवाद पर वे खुलकर अपना पक्ष रख रही हैं। वे लगातार ट्वीट करती हैं और मुस्लिम कट्टरपंथियों को आइना दिखाती रहती हैं। तस्लीमा पाकिस्तान मूल के तारेक फतेह की तरह ही इस्लाम की बुराइयों की आलोचना करती हैं और भारत की पैरवी करती रही हैं। तस्लीमा नसरीन के इन ट्वीट्स के बाद सोशल मीडिया में खासा बवाल मचा हुआ है। जहाँ इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उनकी आलोचना की तो बाकी लोग खुलकर उनके समर्थन में भी आए हैं।