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छत्तीसगढ़ में पापा नहीं बोलने पर पुलिस कर्मी ने बच्ची को 50 बार जलती सिगरेट से जलाया

यहां कहना ग़लत नहीं होगा कि इंसानियत को शर्मसार करते हुए रक्षक ही भक्षक बन गया है।
एक पुलिसकर्मी ने मकान मालिक की डेढ़ साल की मासूम बच्ची के चेहरे और शरीर पर जलती सिगरेट से 50 से अधिक बार दाग दिया है। जानकारी के मुताबिक, दुर्ग पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक अविनाश राय गुरुवार रात नौ बजे अपने परिचित के घर बालोद पहुंचा। वहां उनकी डेढ़ साल की बच्ची से खुद को पापा बोलने के लिए कहने लगा। चूंकि बच्ची डेढ़ साल की ही है और अविनाश उसके पापा भी नहीं है, फिर भी वह नशे में धूत बच्ची से पापा बोलने की जिद्द करने लगा। जब मासूम बच्ची ने उसे पापा नहीं बोला तो आरोपी उसे सिगरेट से दागने लगा। बच्ची चीखती रही लेकिन आरोपी नहीं रूका। बच्ची के चेहरे और शरीर में फफोले पड़ गए हैं। बच्ची की मां ने रात में ही बालोद कोतवाली थाना प्रभारी को फोन पर जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची का प्राथमिक उपचार कराया। इसके बाद पुलिस ने मां और बच्ची को सखी सेंटर झलमला में रखा है।
पीड़ित बच्ची की मां की शिकायत के बाद जब पुलिस घर पहुंची तो आरोपी ने खुद को घटनास्थल वाले घर के कमरे में ही बंद कर लिया। पुलिस दरवाजा नहीं तोड़ पाई तो दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया था। शुक्रवार सुबह आरोपी वहां से फरार हो गया। थाना प्रभारी जीएस ठाकुर ने बताया कि आरोपी बकाया पैसे देने के लिए बच्ची के घर आया था। वह नशे की हालत में था। फिलहाल आरोपी आरक्षक के खिलाफ धारा 294, 323, 324 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस जांच में जुटी है।
जानकारी के मुताबिक, आरोपी सिपाही बालोद के रक्षित केंद्र में आरक्षक के पड़ पर पदस्थ था और सिवनी गांव में लक्ष्मी नांनदर नाम की महिला के घर किराये पर रहता था। लगभग एक महीना पहले उसका ट्रांसफर दुर्ग के रक्षित केंद्र में हो चूका है। लक्ष्मी नांनदर ने लॉकडाउन के दौरान पैसों की दिक्कत होने पर आरक्षक से पैसे उधार लिए थे। वही पैसे वापस लेने आरक्षक शनिवार को लक्ष्मी के घर पहुंचा था और उसी के घर में ठहरा हुआ था । गुरुवार को रात में वह शराब पीकर लौटा और उसने लक्ष्मी की डेढ़ साल की बच्ची को खुद को पापा कहने के लिए कहा। बच्ची के ऐसा नहीं कहने पर वह से सिगरेट से जलाने लगा और बीचबचाव करने आई लक्ष्मी की भी बुरी तरह पीटा।
लक्ष्मी ने बताया कि उसकी बच्ची के चेहरे, पेट, पीठ एवं हाथ में सिगरेट से जलाने के 50 से ज्यादा जगहों पर निशान बने हुए हैं। जबकि एफआईआर में सिगरेट की आग से बच्ची का चेहरा, पेट, पीठ एवं हाथ में जलाने से 15 से 20 जगह पर निशान पड़ने का जिक्र किया गया है। पीड़ित परिवार ने पुलिस प्रशासन पर आरोपी सिपाही के प्रति नरमी बरतने का आरोप लगाया है। फरार हो चुके आरोपी को पुलिस जल्द ही पकड़ने की बात कर रही है।
आरोपी सिपाही अविनाश राय (फाइल फोटो)
बताया यह भी जा रहा है कि आरोपी अविनाश गुस्सैल प्रवृत्ति का है। बालोद रक्षित केन्द्र में रहते हुए कई पुलिस अफसरों से गाली-गलौज तक की शिकायत थी। एक बार बालोद थाना में पदस्थ एक टीआई से धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई थी। लेकिन विभागीय कर्मचारी होने के कारण मामला दबा दिया गया। लंबे समय से निलंबित रहने के बाद अभी दो महीने पहले ही उसे बहाल किया गया था। जिसके बाद से उसका ट्रांसफर दुर्ग कर दिया गया था। बालोद टीआई जीएस ठाकुर ने बताया कि आरोपी पहले भी सस्पेंड हो चुका था।
पीड़ित बच्ची की मां छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध लोक गायिका लक्ष्मी नांद्रे सिवनी (बालोद) की रहने वाली है। लक्ष्मी पूर्व में लोकरंग अर्जुन्दा की प्रमुख गायिका रही है। लक्ष्मी बताती है कि लॉकडाउन में सांस्कृतिक कार्यक्रम बंद होने से आर्थिक स्थिति नाजुक हो गई। पति बाहर में मजदूरी करते हैं। इसलिए आरक्षक अविनाश राय से उधार में रुपए ली थी। जिसे वह वापस मांगने आया था।