Breaking NewsTechTop NewsTravelWorldक्राइमदेशनई दिल्लीराजनीतिवायरलव्यापारसोशल मीडिया

RTI लगाने पर नहीं मिला जवाब कि आरोग्य सेतु की वेबसाइट कब डिजाइन हुई और किसने की? सूचना आयोग ने जारी किया नोटिस

पिछले आठ महीने से देश कोरोना वायरस के साए में जी रहा है। केंद्र सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग लोगों को आरोग्य सेतु एप्लिकेशन अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करने का आह्वान करते रहे हैं ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने से बचा जा सके। किंतु आज बुधवार को देश में इसी ‘आरोग्य सेतु ऐप’ को लेकर हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर के पास ऐप के डेवलपमेंट को लेकर कोई डिटेल नहीं है। ना ही यह जानकारी है कि आरोग्य सेतु की वेबसाइट कब डिजाइन हुई है।

बता दें कि केंद्रीय सूचना आयोग ने मंगलवार को नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (NIC) से जवाब मांगा है कि जब आरोग्य सेतु ऐप के वेबसाइट पर उनका नाम है, तो फिर उनके पास ऐप के डेवलपमेंट को लेकर कोई डिटेल क्यों नहीं है? आयोग ने इस संबंध में कई चीफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन अधिकारियों (CPIOs) सहित नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और NIC को कारण बताओ नोटिस भेजा है। उनसे नोटिस में सफाई मांगी गई है कि उन्होंने करोड़ों लोगों द्वारा इस्तेमाल की जा रही इस कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप को लेकर डाली गई एक आरटीआई आवेदन का स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दिया है?

प्रतीकात्मक तस्वीर

सूचना आयुक्त वंजना एन सरना ने CPIOs से भी जवाब मांगा है कि अगर आपको कोई जानकारी नहीं है तो वेबसाइट https://aarogyasetu.gov.in/ को gov.in डोमेन के साथ कैसे बनाया गया? सरना ने कहा कि कोई भी CPIOs इस बारे में स्पष्टीकरण नहीं दे पाया कि ऐप किसने बनाई, फाइलें कहां हैं? और यह सब बेहद हास्यास्पद है।

विदित हो कि कोरोनावायरस के बीच कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए इस्तेमाल के लिए केंद्र सरकार की ओर से आरोग्य सेतु ऐप को बढ़ावा दिया गया है। अब चूंकि आरोग्य सेतु ऐप की वेबसाइट कहती है कि इसे नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर और आईटी मंत्रालय ने डेवलप किया है, लेकिन इस ऐप को लेकर डाली गई एक आरटीआई में दोनों ने कहा है कि उनके पास इसकी जानकारी नहीं है कि इस ऐप को किसने डेवलप किया है? अब सूचना निकाय ने सरकार के ‘गोलमोल जवाब’ पर नोटिस भेजा है। आयोग ने कहा है कि ‘अधिकारियों द्वारा सूचना देने से इनकार किए जाने को स्वीकार नहीं किया जाएगा।’

बता दें कि एक सामाजिक कार्यकर्ता सौरव दास ने सूचना आयोग के पास शिकायत दी थी कि आरोग्य सेतु ऐप के डेवलपमेंट को लेकर कई मंत्रालय स्पष्ट सूचना देने में असफल रहे थे। सूचना आयोग ने सभी संबंधित इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा है कि आखिर ‘सूचना देने में रुकावट पैदा करने’ और आरटीआई आवेदन पर ‘गोलमोल जवाब देने’ के आरोप में उनपर एक्शन क्यों न लिया जाए?

सामाजिक कार्यकर्ता सौरव दास ने ऐप के शुरुआती प्रस्ताव, इसको मिली मंजूरी की डिटेल्स, इस काम में शामिल कंपनियों, व्यक्ति और सरकारी विभागों को लेकर जानकारी मांगी थी। उन्होंने ऐप डेवलपमेंट से जुड़े लोगों के बीच हुए सूचना के आदान-प्रदान की प्रतियां भी मांगी थीं। हालांकि उनका आवेदन दो महीनों तक अलग-अलग सरकारी विभागों के बीच घूमता रहा। कथित रूप से NIC ने बार-बार कहा कि ‘ऐप के क्रिएशन से जुड़ी पूरी फाइल सेंटर के पास नहीं है।’ आईटी मंत्रालय ने फिर यह आरटीआई नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन को भेज दिया, जिसने कहा कि ‘जो सूचना मांगी गई है, वो उनके विभाग से जुड़ा हुआ नहीं है।’

Tags

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Close