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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी को किया निलंबित, दिए जांच के आदेश

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विजिटर के रूप में अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कुलपति प्रोफेसर योगेश त्यागी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ कर्तव्यों के निष्कासन के आरोपों की जांच के आदेश भी दे दिए हैं। जानकारी के मुताबिक, शिक्षा मंत्रालय को कथित प्रशासनिक त्रुटियों के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी के खिलाफ जांच के लिए राष्ट्रपति ने ये मंजूरी दी है।
President Ram Nath Kovind in his capacity as Visitor of the Delhi University (DU) places Vice-Chancellor Professor Yogesh Tyagi under suspension with immediate effect and orders enquiry into allegations of dereliction of duties against him. pic.twitter.com/Nj9GltxKc9
— ANI (@ANI) October 28, 2020
बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को अपनी मंजूरी भेज दी है। मिली जानकारी के मुताबिक, ‘कुलपति त्यागी के खिलाफ जांच के प्रस्ताव को राष्ट्रपति कार्यालय ने अनुमति दे दी है। जांच पूरी होने तक प्रोफेसर योगेश त्यागी अवकाश पर रहेंगे।’ उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर त्यागी दो जुलाई को आपातकालीन चिकित्सा परिस्थितियों में एम्स में भर्ती होने के बाद से अवकाश पर हैं। सरकार ने 17 जुलाई को, त्यागी के वापस लौटने तक प्रति कुलपति पीसी जोशी को कुलपति का प्रभार सौंप दिया था।
देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फाइल फोटो)
बताया जा रहा है कि पिछले सप्ताह गुरुवार को उस समय विवाद खड़ा हो गया था जब त्यागी ने जोशी को प्रति कुलपति के पद से हटाकर उनकी जगह विश्वविद्यालय के नॉन कॉलेजिएट वुमेंस एजुकेशन बोर्ड की निदेशक गीता भट्ट को नियुक्त कर दिया था। इस बीच, जोशी ने नए रजिस्ट्रार विकास गुप्ता की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी थी, जिनका साक्षात्कार पूरा हो चुका था और कार्यकारी परिषद ने उनकी नियुक्ति को बुधवार को मंजूरी भी दे दी। उसी दिन त्यागी ने पीसी झा को कार्यवाहक रजिस्ट्रार और साउथ कैंपस का निदेशक नियुक्त करने को मंजूरी देते हुए अधिसूचना जारी कर दी।
इसके बाद शिक्षा मंत्रालय ने कुलपति और प्रति कुलपति के बीच चल रहे अधिकारों के टकराव में दखल देते हुए कहा कि प्रोफेसर त्यागी द्वारा की गईं नियुक्तियां ‘वैध’ नहीं हैं क्योंकि वह लंबे समय से अवकाश पर हैं।अधिकारों का टकराव तब और बढ़ गया जब झा ने खुद को ‘कार्यवाहक रजिस्ट्रार’ बताते हुए मंत्रालय को पत्र लिखा कि त्यागी द्वारा लिए गए सभी निर्णय विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार हैं। शिक्षा मंत्रालय ने पत्र पर आपत्ति जताते हुए विश्वविद्यालय को झा के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं।
शिक्षा मंत्रालय की अनुशंसा मानते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कुलपति को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक निलंबित कुलपति द्वारा चिकित्सा आधार पर अनुपस्थिति के बावजूद जारी किए गए आदेशों को अमान्य माना जाएगा। राष्ट्रपति ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया है क्योंकि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और विश्वविद्यालय के साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। बता दें कि राष्ट्रपति ने कुलपति के खिलाफ जांच शुरू करने की मंजूरी भी दे दी है।