
सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले भाषणों को लेकर पक्षपात के आरोपों से घिर चर्चा में आई भारत में फेसबुक की पॉलिसी हेड अंखी दास ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। फेसबुक के भारत में प्रबंध निदेशक अजीत मोहन ने ई-मेल के जरिये बयान में कहा, ‘‘अंखी दास ने फेसबुक में अपने पद से हटने का निर्णय किया है। उन्होंने जन सेवा में अपनी रुचि के अनुसार काम करने के लिये यह कदम उठाया है। अंखी हमारे उन पुराने कर्मचारियों में शामिल हैं, जिन्होंने भारत में कंपनी को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभायी। वह पिछले नौ साल से अधिक समय से अपनी सेवा दे रही थी।’’
फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के साथ
भारत में फेसबुक की पॉलिसी हेड अंखी दास (फाइल फोटो)
उल्लेखनीय है कि अंखी दास पर आरोप लगे थे कि उन्होंने भाजपा और अन्य दक्षिण पंथी संगठनों के नफरत फैलाने वाले बयानों पर रोक लगाने से जुड़े नियमों को लागू करने का कथित रूप से विरोध किया था। उन पर ये भी आरोप लगे थे कि उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों के फेसबुक ग्रुप पर कई साल तक भारतीय जनता पार्टी के समर्थन में संदेश पोस्ट किए। उन्होंने मामला प्रकाश में आने के करीब ढाई महीने बाद अपने पद से इस्तीफा दिया है।
Facebook's India head of public policy Ankhi Das quits, says company
— Press Trust of India (@PTI_News) October 27, 2020
40 से अधिक मानवाधिकार संगठनों और इंटरनेट पर नजर रखने वाले संगठनों ने फेसबुक से अंखी दास को तब तक छुट्टी पर भेजने को कहा था, जब तक कंपनी अपने भारतीय परिचालन के ऑडिट का काम पूरा नहीं कर लेती। गौरतलब है कि अंखी दास 2011 में फेसबुक से जुड़ी थी। मोहन ने कहा, ‘‘वह पिछले दो साल से मेरी टीम का हिस्सा थी। उन्हें जो भूमिका दी गयी थी, उन्होंने शानदार योगदान दिया। हम उनकी सेवा के आभारी हैं और उन्हें भविष्य के लिये शुभकामनाएं देते हैं।’’ दास ने कहा कि उन्होंने फेसबुक से इस्तीफा देने का निर्णय किया है ताकि जन सेवा में अपनी व्यक्तिगत रूचि के अनुसार काम कर सके। फेसबुक ने उनके इस्तीफे को विवादस्पद मामले से नहीं जोड़ा है। लेकिन कहा है कि कंपनी में मंगलवार उनका आखिरी दिन था।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भारत में फेसबुक की पॉलिसी हेड अंखी दास (फाइल फोटो)
भारत में फेसबुक की पॉलिसी हेड अंखी दास को लेकर विवाद 15 अगस्त को वाल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ था। रिपोर्ट में उन पर आरोप लगाया गया कि अंखी दास ने भाजपा और अन्य हिंदू संगठनों से जुड़े नेताओं के नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों के खिलाफ कार्रवाई को बाधित किया। रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के एक दिन पहले दास ने लिखा था, ‘‘हमने उनके सोशल मीडिया अभियान की हवा निकाल दी और बाकी निश्चित रूप से इतिहास है।’’ उन्होंने यह भी लिखा कि नरेंद्र मोदी मजबूत नेता हैं, जिन्होंने पूर्व सत्तारूढ़ दल के किले को ध्वस्त कर दिया। वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अंखी दास ने 2012 के विधानसभा चुनावों के लिये भाजपा को सोशल मीडिया अभियान के लिये प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण के बाद उन्होंने लिखा, ‘‘हमारे गुजरात अभियान में सफलता।’’
बता दें कि हाल ही में अंखी दास को डाटा सुरक्षा विधेयक 2019 को लेकर संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश होना पड़ा था। इस समिति की अध्यक्षता बीजेपी सांसद मिनाक्षी लेखी कर रही हैं। सोशल मीडिया साइट के कथित दुरुपयोग को लेकर बीते माह फेसबुक इंडिया के प्रमुख अजित मोहन भी सूचना और प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के सामने पेश हुए थे। कांग्रेस नेता शशि थरूर इसके अध्यक्ष हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया था कि किस तरह से भारत में फेसबुक हेट स्पीच के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है। राहुल गांधी के आरोपों के बाद इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस पार्टी आमने सामने आ गई थीं।