Breaking NewsTop Newsक्राइमछोटा पर्दादेशनई दिल्लीमनोरंजनमहाराष्ट्रवायरलसिनेमासोशल मीडियाहिमाचल प्रदेश
देशद्रोह के आरोप में कंगना राणावत और उनकी बहन को मुंबई पुलिस ने किया समन, पुख्ता सबूत मिले तो हो सकती है गिरफ्तारी

अपने बयानों को लेकर पब्लिसिटी पाने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना राणावत को अब अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ महीनों पहले बीएमसी द्वारा कंगना राणावत के मकान का अवैध हिस्सा गिराया गया और लगातार लोगों द्वारा धमकी भी मिल रही है। कृषि बिल को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को लेकर आपत्तिजनक ट्विट करने को लेकर कर्नाटक की एक कोर्ट ने अभिनेत्री कंगना राणावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए हुए हैं। अब हिंदू और मुस्लिम कलाकारों के बीच फूट डालने को लेकर धार्मिक आधार पर ट्विट करने को लेकर मुंबई पुलिस ने अभिनेत्री कंगना राणावत और उनकी बहन रंगोली के खिलाफ अदालत के आदेश पर 17 अक्टूबर को बांद्रा पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था। कंगना को पूछताछ के लिए 26 अक्टूबर और उनकी बहन को 27 अक्टूबर को बुलाया गया है।
Mumbai Police summons Kangana Ranaut (file pic) & her sister Rangoli Chandel, asking them to appear before investigating officer, on next Monday & Tuesday (Oct 26 & 27)
FIR was registered against them at Mumbai's Bandra Police Station, under various sections incl 124A (Sedition) pic.twitter.com/69lFJaWqTh
— ANI (@ANI) October 21, 2020
बताया जा रहा है कि अगर उनके खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते हैं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। महाराष्ट्र के बांद्रा के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जयदेव वाय घुले ने कंगना के खिलाफ CRPC की धारा 156 (3) के तहत FIR दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे। जिस पर एक्शन लेते हुए पुलिस ने कंगना और उनकी बहन के खिलाफ निम्नलिखित धाराओं में केस दर्ज किया है।
• धारा 153 A: आईपीसी की धारा 153 (ए) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। इसके तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
• धारा 295 A: इसके अंतर्गत वह कृत्य अपराध माने जाते हैं जहां कोई आरोपी व्यक्ति, भारत के नागरिकों के किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के विमर्शित और विद्वेषपूर्ण आशय से उस वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है या ऐसा करने का प्रयत्न करता है।
• धारा 124 A: यदि कोई भी व्यक्ति भारत की सरकार के विरोध में सार्वजनिक रूप से ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम देता है जिससे देश के सामने सुरक्षा का संकट पैदा हो सकता है तो उसे उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है। इन गतिविधियों का समर्थन करने या प्रचार-प्रसार करने पर भी किसी को देशद्रोह का आरोपी मान लिया जाएगा।
• धारा 34: भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के अनुसार, जब एक आपराधिक कृत्य सभी व्यक्तियों ने सामान्य इरादे से किया हो, तो प्रत्येक व्यक्ति ऐसे कार्य के लिए जिम्मेदार होता है जैसे कि अपराध उसके अकेले के द्वारा ही किया गया हो।
इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील साहिल अशरफ अली सैयद ने बांद्रा कोर्ट में दायर एक अर्जी में कहा था,”साहिल अशरफ अली सैयद ने अपनी अर्जी में कहा है, “अभिनेत्री कंगना राणावत पिछले कुछ महीनों से लगातार बॉलीवुड को नेपोटिज्म और फेवरेटिज्म का हब बताकर इसका अपमान कर रही हैं। अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर और टीवी इंटरव्यू के जरिए वे हिंदू और मुस्लिम कलाकारों के बीच फूट डाल रही हैं।”
सैयद ने आगे आरोप लगाया, “उन्होंने बहुत ही आपत्तिजनक ट्वीट किए हैं, जो न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को, बल्कि इंडस्ट्री के कई कलीग्स की भावनाओं को भी आहत करते हैं।” साहिल ने सबूत के तौर पर कंगना राणावत के कई ट्वीट कोर्ट के सामने रखे हैं।
उल्लेखनीय है कि बांद्रा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद अभिनेत्री कंगना राणावत ने लिखा था, ”इस बीच मेरे खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है। लगता है महाराष्ट्र की पप्पू सेना को मेरी बहुत याद आ रही है। मुझे इतना मत याद करो। मैं वहां जल्द आ रही हूं।’