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निर्भया केस के दोषियों को फांसी दिलाने वाली वकील सीमा कुशवाहा लड़ेंगी हाथरस पीड़िता का केस

देश की राजधानी दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप मामले में चार अपराधियों को फांसी के फंदे पर पहुंचाने वाली सुप्रीम कोर्ट की महिला एडवोकेट सीमा कुशवाहा अब उत्तर प्रदेश के हाथरस मामले में भी आरोपियों को सजा दिलाएंगी। जानकारी के मुताबिक, पीड़ित परिवार ने सोमवार को वकालतनामा पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके साथ ही यह कंफर्म हो गया है कि अब इस केस में सीमा कुशवाहा पीड़ित पक्ष की वकील होंगी। वह लगातार पीड़ित परिवार के संपर्क में बनी हुई थीं। एडवोकेट सीमा कुशवाहा ने हाथरस गैंगरेप केस में लापरवाही बरतने के चलते जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए सुरक्षा की मांग भी की है।
हाथरस गैंगरेप केस में यूपी सरकार के इसरो पर चलने वाले DM और SP को निलंबित कर इस केस से अपराधियों को बचाने की कोशिश में है सायद लेकिन ऐसा नही होगा उन अपराधियों को सजा दिलाकर रहूंगी??#JusticeForManisha
— वकील सीमा कुशवाह (@Advocate_Seema5) October 3, 2020
बीते शनिवार को जब सुप्रीम कोर्ट की महिला एडवोकेट सीमा कुशवाहा हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने उनके गांव जा रही थीं तो जिला प्रशासन ने उन्हें रोक लिया था। इस दौरान उनकी हाथरस के अपर जिलाधिकारी से तीखी बहस हुई थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में काफी वायरल हुआ। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए एडवोकेट सीमा कुशवाहा ने साफ किया है कि वह हाथरस कांड की पीड़िता का केस लड़ेंगी और मानवता को शर्मसार करने वाले इस मामले के लिए कोई फीस नहीं लेंगी। उन्होने कहा पीड़िता का परिवार चाहता है कि मैं इस केस में उनकी वकील बनूं।
सुप्रीम कोर्ट की महिला एडवोकेट सीमा कुशवाहा निर्भया के माता-पिता के साथ (फाइल फोटो)
बता दें कि सीमा कुशवाहा सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करती हैं और निर्भया ज्योति ट्रस्ट की कानूनी सलाहकार हैं। कानपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी करने बाद सीमा ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की थी। उनका जन्म 10 जनवरी 1982 को इटावा के ग्राम पंचायत बिधिपुर, ब्लॉक महेवा, तहसील चकरनगर के एक छोटे से गांव उग्रापुर में हुआ था। उनके पिता बालादीन कुशवाहा बिधिपुर ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान रह चुके हैं। सीमा कुशवाहा ने 2005 में कानपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से 2006 में पत्रकारिता की डिग्री हासिल की थी। उसके बाद सीमा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए किया।
सीमा कुशवाहा पहले आईएएस अधिकारी बनना चाहती थीं, इसके लिए उन्होंने तैयारी भी की। लेकिन परिस्थितियों के कारण वकालत को अपना पेशा चुना। सीमा कुशवाहा के पति राकेश गणित के अध्यापक हैं और दिल्ली में आईआईटी की तैयारी कराने वाली एक संस्था से जुड़े हुए हैं। वह बिहार के मुंगेर जिले के संग्रामपुर प्रखंड के पौरिया गांव के रहने वाले हैं। 2012 में दिल्ली में चलती बस में छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ था। बाद में उसकी मौत हो गई। इस केस में परिवार को न्याय दिलाने में महिला वकील सीमा कुशवाहा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसी साल 20 मार्च को निर्भया के चारों दोषियों मुकेश सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन कुमार गुप्ता और विनय कुमार शर्मा को फांसी दी गई थी। एक दोषी ने जेल में आत्महत्या कर ली थी और छठा आरोपी नाबालिग होने के कारण जेल से रिहा कर दिया गया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित एसआईटी हाथरस में गैंगरेप और हत्या मामले की जांच कर रही है। टीम रविवार को पीड़िता के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए गांव पहुंची थी। सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने के बाद शनिवार से अंडर सेक्रेटरी (गृह), भगवान स्वरूप की अगुवाई में दो आईपीएस रैंक के अधिकारियों वाली विशेष जांच दल की यह दूसरी यात्रा है। एसआईटी के सदस्यों ने कहा कि उनकी जांच सीबीआई जांच के साथ जारी रहेगी।