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72 साल की उम्र में तीसरी बार एमए कर रहे हैं जेजेपी विधायक ईश्वर सिंह, 10वीं पास थे तो दे दिया था शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन से इस्तीफा

कहते हैं कि पढ़ाई करने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। स्वंय को बेहतर बनाने के लिए इंसान निरंतर पढ़ते हुए सीखता रहता है। इन्हीं बातों को लेकर चल रहे हरियाणा के गुहला विधानसभा क्षेत्र से जेजेपी विधायक ईश्वर सिंह, जो हर किसी को प्रेरित करने लायक है। बता दें कि 72 वर्षीय विधायक ईश्वर सिंह ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान की एमए की प्रथम वर्ष की परीक्षा दी है और वो भी ऑनलाइन तरीके से।

निजी छात्र के तौर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के साथ खुद को रजिस्टर कर विधायक ईश्वर सिंह ने लॉकडाउन के समय का सदुपयोग कर पढ़ाई की और घर पर ही ऑनलाइन परीक्षाएं दी। शनिवार को उनका आखिरी एग्जाम था और उनका कहना है कि सभी पेपर अच्छे हुए हैं। बता दें कि विधायक ईश्वर सिंह ने इससे पहले पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और इतिहास में भी एम०ए की हुई है। यही नहीं, वे एलएलबी और एलएलएम भी कर चुके हैं। कमाल की बात ये है कि उन्होंने ये सभी डिग्रियां जीवन के उस पड़ाव में प्राप्त की हैं जब आमतौर पर इन्सान पढ़ाई लिखाई से निपट कर पूरी तरह कामकाजी हो जाता है। ये सभी डिग्रियां करने से पहले ईश्वर सिंह 1977 में हरियाणा विधानसभा के सदस्य बन चुके थे और उस वक्त वे सिर्फ 10वीं पास थे। दसवीं के बाद जेबीटी कर वे कुछ समय अध्यापक रहे और एमरजेंसी के वक्त राजनीति में आ गए थे।

हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के साथ जेजेपी विधायक ईश्वर सिंह (फाइल फोटो)

जेजेपी विधायक ईश्वर सिंह बताते हैं कि 10वीं पास विधायक तो वे बन गए थे लेकिन राजनीतिक उठापठक के बीच उसी कार्यकाल के दौरान उन्हें हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड का चेयरमैन बनने का भी अवसर मिल गया। वैसे तो यह एक उपलब्धि थी लेकिन ईश्वर सिंह के मन के भीतर ये बात चुभने लगी थी कि वे राज्य के 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए नीतियां बनाने जा रहे हैं जबकि वे खुद 10वीं पास ही हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की दूसरी मीटिंग के बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और निश्चय किया कि अपने जीवन के इस अधूरेपन को जरूर पूरा करेंगे।

गौरतलब है कि विधायक का कार्यकाल समाप्त होते ही उन्होंने आगे की पढ़ाई शुरू कर दी। 27 साल की उम्र में विधायक बने ईश्वर सिंह ने जीवन के 34वें साल में 12वीं और 37 वर्ष की उम्र में स्नातक की डिग्री ली। इसके तुरंत बाद उन्होंने इतिहास से एम०ए की डिग्री पूरी की। एम०ए की परीक्षा देते समय कुुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के तत्कालीन वाइस चांसलर ने उन्हें एलएलबी करने की सलाह दी। 42 वर्ष की उम्र में ईश्वर सिंह ने एलएलबी भी कर ली और 6 महीने तक कुरुक्षेत्र में वकालत भी की। वे आज भी कुरुक्षेत्र बार एसोसिएशन के सदस्य हैं। बाद में उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में भी एम०ए की।

जेजेपी विधायक ईश्वर सिंह

विधायक ईश्वर सिंह ने हाल की परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से दी है। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की वेबसाइट से तय समय पर परीक्षा पत्र डाउनलोड करते हैं और फिर उसके जवाब तैयार करते हैं। उत्तर पुस्तिका को स्कैन कर वे ई-मेल के जरिये तीन घंटे के तय समय में विश्वविद्यालय की दी हुई ई-मेल पर भेज देते हैं। उनका कहना है कि तकनीक नई जरूर है लेकिन परीक्षा का महत्व जीवन में इतना अधिक है कि उन्होंने इस तकनीक को भी सीख लिया है।

ईश्वर सिंह कहते हैं कि उनके राजनीतिक जीवन में उनकी पढ़ाई लिखाई और शिक्षा से जुड़े रहने का बहुत सहयोग मिला है। इसी लगन की बदौलत वे देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा पहुंचे और फिर देश के अनुसूचित जाति आयोग में सदस्य बनने का भी उन्हें अवसर मिला। इस वक्त हरियाणा विधानसभा में जननायक जनता पार्टी के विधायक के तौर पर वे विधानसभा की महत्वपूर्ण समिति के चेयरमैन हैं और वहां भी अपना काम पूरी सजगता के साथ करते हैं। ईश्वर सिंह का कहना है कि इन्सान को जीवन में जब भी कुछ सीखने का अवसर मिले, तभी उसे ग्रहण कर लेना चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए।

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