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शर्मसार भारत: हर 15 मिनट में हो रहा है देश में एक ब्लात्कार

देश की राजधानी दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद देश की एकजुटता और महिला सुरक्षा को लेकर कठोर कानून बनाए जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि अब देश की बेटियां अपने देश भारत में सुरक्षित महसूस करेंगी। किंतु एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों में 2019 में 7.3 % और 4.5 % की वृद्धि हुई है और इसी कारण 1 अक्तूबर को ही मद्रास हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है कि ‘‘भारत की पवित्र धरती अब ‘बलात्कारियों की धरती’ में बदल गई है जहां हर 15 मिनट में एक बलात्कार होता है।’’ बता दें कि इसी प्रकार पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार ने 1 अक्तूबर को बलात्कार के एक मामले में सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है कि ‘‘देश में नाबालिगों के विरुद्ध अपराध लगातार बढ़ रहे हैं जिन पर किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता।’’

इन दिनों उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, इत्यादि लगभग हर राज्य में महिलाओं के साथ दुष्कर्म, हत्या जैसी घिनौनी वारदातें हो रही हैं। बहुत से मामलों में पुलिस प्रशासन की पीड़िता के प्रति लापरवाही और आरोपियों के प्रति जाति विशेष को लेकर सहानुभूति देखने को मिलती रही है जिस कारण दुष्कर्म के बहुत से मामले पुलिस के रजिस्टर तक नहीं पहुंच पाते हैं। जब भी किसी राज्य में ऐसी घटनाएं होती हैं तो बेशक विपक्षी दल आक्रामक हो जाते हैं किन्तु दुष्कर्म जैसी असामाजिक घटनाओं ने पूरे देश में पैर पसार लिए हैं। मात्र 4 दिनों में रजिस्टर्ड मामले इस प्रकार हैं……
• 29 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक छात्रा की गैंग रेप के बाद मौत हो गई।
• 29 सितम्बर को ही राजस्थान के अजमेर में अपनी मां से मिलने जा रही एक महिला से तीन लोगों ने बलात्कार किया।
• 29 सितम्बर को ही हरियाणा के हिसार में पड़ोसी युवक ने डरा-धमका कर विवाहिता से बलात्कार किया।
• 30 सितम्बर को राजस्थान के सीकर में 2 लोगों ने आठवीं कक्षा की 14 वर्षीय छात्रा से बलात्कार के बाद उसका वीडियो वायरल किया।
• 30 सितम्बर को ही दिल्ली में सोलह वर्षीय युवक ने एक सात वर्षीय बच्ची से बलात्कार कर डाला।
• 30 सितम्बर को फरीदाबाद में 28 वर्षीय एक युवक ने एक 8 वर्षीय बच्ची से बलात्कार किया।
• 30 सितम्बर को यू.पी. के आजमगढ़ में 30 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी पड़ोसी बच्ची (7) से बलात्कार किया, जिसकी जान बचाने के लिए सर्जरी करनी पड़ी।
• 01 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के भदोही में 14 वर्षीय एक लड़की का सिर कुचल कर हत्या कर दी गई। लड़की के परिजनों ने उसकी बलात्कार के बाद हत्या किए जाने की आशंका जताई है।
• 01 अक्तूबर को ही मध्य प्रदेश के खरगौन जिले में तीन अज्ञात लोगों ने 16 वर्षीय नाबालिग के साथ बलात्कार कर डाला।
• 01 अक्तूबर को पंजाब में नकोदर की पुलिस ने 1 नाबालिग के अपहरण और उससे बलात्कार करने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है।
• 01 अक्तूबर को मदुरै में 2 नाबालिग लड़कियों से बलात्कार करने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।

दुष्कर्म जैसे जघन्य पाप को भुगत चुकी पीड़िता को अपराधियों को सजा दिलाने के लिए अनेक संस्थाओं द्वारा दी गई यातनाएं भी सहनी पड़ती हैं, तब भी भारत में न्याय मिलना मुश्किल ही प्रतीत होता है। पुलिस प्रशासन द्वारा समय पर रिपोर्ट लिख आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार ना करना, मेडिकल रिपोर्ट देने में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आनाकानी करना, और फिर तारीख पर तारीख का खेल शुरू होता है हमारी व्यवस्था में। इन संस्थाओं के अलावा देश में पीड़िता को सामाजिक स्तर पर भी अनेक तरह के ताने सुनने पड़ते हैं। जिन पीड़िताओं में इस कठिन और लंबी प्रक्रिया का सामना करने की हिम्मत नहीं होती है वो आत्महत्या कर लेती हैं और इस तरह बहुत से मामलों में अपराधी फिर से अपराध करने के लिए समाज में आजाद घूम रहे होते हैं। देश की इन‌ जिम्मेदार संस्थाओं को आरोप-प्रत्यारोप का खेल छोड़कर तुरंत प्रभाव से सहयोगात्मक कार्यवाही करनी चाहिए ताकि समय रहते अपराधियों को समाज से दूर जेलों में बंद किया जा सके।

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