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नरसिंहपुर गैंगरेप मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं करने पर पीड़िता ने कर ली आत्महत्या, मुख्यमंत्री शिवराज के आदेश पर 2 पुलिसकर्मी समेत 7 गिरफ्तार

मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के चीचली थानांतर्गत एक गांव में गैंगरेप पीड़िता की तीन दिन तक स्थानीय पुलिस द्वारा रिपोर्ट नहीं लिखी गई तो पीड़िता ने शुक्रवार को सुबह घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामले में लापरवाही बरते जाने पर दो पुलिसकर्मियों समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, एएसपी राजेश तिवारी और गाडरवारा के एसडीओपी सीताराम यादव को पुलिस मुख्यालय भोपाल अटैच कर दिया गया है। रिपोर्ट न लिखने और लापरवाही बरतने के कारण चिचली थाना प्रभारी अनिल सिंह और गोटिटोरिया चौकी प्रभारी मिश्रीलाल कुड़ापे को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, दुष्कर्म के तीन मुख्य आरोपी परसू, अरविंद, अनिल के साथ ही पीड़िता को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले दो अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि इससे पहले थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज को शुक्रवार रात को ही निलंबित कर दिया गया था। मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सख्ती के बाद ये कार्रवाई की गईं है। मृतका के पति का आरोप है कि उसकी पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इसकी रिपोर्ट लिखाने के लिए 3 दिन से पुलिस के चक्कर लगा रहे थे। आरोपितों को गिरफ्तार करने की बजाय पुलिस ने उन्हें ही लॉकअप में डाल दिया गया था। आरोप है कि महिला के परिजन को छोड़ने के ऐवज में पुलिस ने उनसे रुपए भी लिए थे। इससे व्यथित महिला ने आत्महत्या कर ली।
पति ने एसडीओपी गाडरवारा सीताराम यादव को बताया कि उसकी पत्नी 28 सितंबर को गांव स्थित खेत में चारा काटने गई थी। जहां पर परसू, अरविंद और अनिल नाम के तीन लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। घर आने पर पत्नी ने घटना के बारे में बताया। सभी रात को ही गोटिटोरिया पुलिस चौकी पहुंचे, जहां उनसे आवेदन लेकर सुबह मेडिकल कराने की बात कही गई। आरोप है कि जब दूसरे दिन 29 सितंबर को वे चौकी पहुंचे तो उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई।
एसपी अजय सिंह ने मीडिया को बताया कि मामले में दुष्कर्म के आरोपी तीन लोग, आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, पीड़िता की रिपोर्ट नहीं लिखने और लापरवाही बरतने वाले चिचली थाना प्रभारी और गोटिटोरिया चौकी प्रभारी को भी गिरफ्तार किया गया है। उन पर क्रिमिनल लॉ की धारा 166-ए लगाई गई है। जिसके अनुसार अगर कोई पुलिस अधिकारी महिला की एफआईआर नहीं लिखता है तो उसके खिलाफ एफआईआर की जाती है। मामला संज्ञान में आने के बाद हमने 18 घंटे में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रदेश में बिगड़ रही कानून व्यवस्था और रेप की वारदातों पर पीसीसी चीफ कमल नाथ ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा-भाजपा शासित राज्यों में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ नारों की ये है वास्तविकता ? यूपी के साथ- साथ मध्यप्रदेश में भी बहन- बेटियों के साथ दरिंदगी-दुष्कर्म की घटनाएँ निरंतर घटित हो रही है।