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उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्थानीय प्रशासन ने मीडिया को दी पीड़ित परिवार से मिलने की इजाजत

हाथरस में दलित युवती से गैंगरेप, फिर पीड़िता की मौत, परिजनों को घर में कैद कर देर रात स्थानीय प्रशासन द्वारा पीड़िता का दाह संस्कार करने से लेकर पीड़ित परिवार से विपक्षी दलों, मीडिया एवं समाजसेवी संस्थाओं से ना मिलने देने के कारण योगी सरकार आलोचनाओं का सामना कर रही है। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ हुई हैवानियत की इस घटना के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र से यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है, तो वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी लगातार योगी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को हाथरस जाते समय हिरासत में ले लिया गया था।
हाथरस गैंगरेप में पीड़िता की मौत और देर रात हुए अंतिम संस्कार के कारण चारों तरफ से आलोचना का शिकार होने के बाद योगी सरकार ने गांव में मीडिया की एंट्री पर जो बैन लगाया था, उसे अब हटा दिया है। पुलिसवालों ने गांव के मेन रास्ते से चौराहों पर से बैरिकेटिंग हटा लिया है और अब मीडिया गांव के अंदर जा सकती है।
बता दें कि हाथरस गैंगरेप मामले में यूपी सरकार ने दोनों पक्षों (पीड़ित और आरोपी) और मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों का नार्को टेस्ट करवाने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के मुताबिक, पीड़िता के परिवार के बार-बार बयान बदलने की बात सामने आ रही है।