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मध्यप्रदेश के बैतूल में दबंगों ने महिला के बीच सड़क पर कपड़े फाड़े, पुलिस में शिकायत करने पर परिवार समेत उड़ाने की दी धमकी

दिन-प्रतिदिन छोटी बच्चियों, महिलाओं के साथ हो रही हिंसात्मक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ये घटनाएं किडनैपिंग, दुष्कर्म, हत्या, मारपीट इत्यादि से जुड़ी हुई हैं और शासन-प्रशासन की लापरवाही के कारण इन मामलों में पीड़िताओं को इंसाफ मिलने की कहीं कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। मध्यप्रदेश के बैतूल में आदिवासी महिला को निर्वस्त्र कर बीच सड़क पर पीटने का मामला सामने आया है। घटना जिले के चिचोली तहसील के चूड़िया गांव की है। बताया जा रहा है कि कुत्ते को लेकर हुए विवाद में गांव के दबंगों ने महिला के साथ बेरहमी से मारपीट करते हुए उसे घर से बाहर लाकर बीच सड़क पर निर्वस्त्र तक कर दिया। पुलिस ने मामले को शांत करने के लिए दोनों पक्षाें पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है। जानकारी के मुताबिक, दबंगों ने पीड़ित महिला को धमकी दी हुई है कि अगर पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई तो उसे उसके परिवार सहित उड़ा दिया जाएगा।
बैतूल जिले में दबंगो द्वारा आदिवासी महिला की पिटाई के बाद सड़क पर उसके कपड़े फाड़ दिए
जिला अस्पताल में भर्ती महिला ने बताया कि गांव के ही दबंग परिवार के सदस्यों के साथ एक कुत्ते को लेकर कहासुनी हो गई थी। तब विवाद शांत हो चुका था, लेकिन इसके बाद दोबारा आरोपी आए और घर में घुसकर उसके साथ मारपीट की। मारपीट करने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं। सभी उसे खींचकर बीच सड़क पर ले आए और उसके कपड़े फाड़ दिए। महिला का आरोप है कि दबंग परिवार के मुखिया ने उसे परिवार सहित उड़ा देने की धमकी भी दी है। महिला का कहना है कि आरोपी अब उसके परिवार पर रिपोर्ट वापस लेने का दबाव डाल रहे हैं।
पीड़ित महिला ने बैतूल एसपी से शिकायत करते हुए पत्र में लिखा- टेकरा निवासी सुरेश यादव घर में घुस आया और छेड़छाड़ करने लगा। जब मैंने विरोध किया तो मारपीट करने लगा। इसके बाद सुरेश के साथ ही जगोती यादव, माया यादव और धमन्या के रहने वाले उनके रिश्तेदारों ने मिलकर मुझे रोड तक घसीटते हुए ले गए। सड़क पर ले जाकर मुझे तब तक पीटते रहे, जब तक बेसुध नहीं हो गई। हमने चिचौली थाने में इसकी शिकायत की, लेकिन वहां पर हम लोगों को डराकर समझौता करने के लिए मजबूर किया गया और कोरे कागज पर अंगूठा ले लिया।
इस पूरे मामले पर स्थानीय पुलिस का कहना है कि घटना की सूचना मिलने के बाद दोनों पक्षों पर मामला दर्ज किया गया था, लेकिन जब इसकी जानकारी मिली कि आदिवासी महिला के कपड़े तक फाड़ दिए गए थे तो अस्पताल पहुंचकर महिला के बयान लिए गए। धाराओं में भी इजाफा करने के साथ-साथ एससी-एसटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। खास बात ये है कि पुलिस ने घटना को लेकर सिर्फ मारपीट का मामला दर्ज किया था, लेकिन जब मीडिया के सामने महिला ने बयान दिया और मामला एसपी तक पहुंचा तो आनन-फानन में महिला सेल प्रभारी को अस्पताल भेज कर बयान लिए गए और धाराएं बढ़ाई गईं। चिचोली थाना प्रभारी दीपक पाराशर ने बताया कि इस मामले में सूरज, जमोती और माया के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज किया गया है। पीड़ित महिला और उसकी बहन के खिलाफ भी मारपीट का मामला दर्ज किया है।