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हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत पर प्रधानमंत्री मोदी ने लिया संज्ञान, सीएम योगी को दिए कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश

हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद बीजेपी पार्टी और केंद्र-राज्यों की सरकारों को घिरता देख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वंय मामले को संज्ञान में लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चर्चा की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को फोन कर पीएम मोदी ने इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 30, 2020
गैंगरेप पीड़िता ने मंगलवार को दिल्ली के हस्पताल में दम तोड़ दिया था। वहां से उसका शव रात को हाथरस पहुंचा। बताया जा रहा है कि यूपी पुलिस ने परिजनों पर दबाव डालकर शव का रात में ही अंतिम संस्कार करवा दिया। अब इस घटना से पुलिस के साथ-साथ योगी सरकार की किरकिरी तो हो ही रही है, कहीं न कहीं बीजेपी पर भी दलितविरोधी होने का आरोप लग रहा है। इससे दबाव में आए योगी सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी और अब खुद पीएम ने योगी से बात की है।
हाथरस में बालिका के साथ घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दोषी कतई नहीं बचेंगे।
प्रकरण की जांच हेतु विशेष जांच दल का गठन किया गया है। यह दल आगामी सात दिवस में अपनी रिपोर्ट देगा।
त्वरित न्याय सुनिश्चित करने हेतु इस प्रकरण का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 30, 2020
इस पूरे घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश के शासन-प्रशासन पर आरोप लगते रहे हैं। हाथरस की दलित लड़की के साथ गैंगरेप होने के बाद चारों आरोपियों को गिरफ्तार करने को लेकर यूपी पुलिस का आलोचनात्मक रवैया रहा और फिर पीड़िता की मौत के बाद पुलिस ने घर वालों को शव भी नहीं दिया, न ही बच्ची को अंतिम बार उसके घर ले जाया गया। हिन्दू धर्म की मान्यताओं को नज़रंदाज़ करते हुए यूपी पुलिस ने देर रात ही पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया। इस दौरान मृतका के घरवालों को उनके घरों में कैद करके रखा गया। जिससे यूपी शासन-प्रशासन के साथ केंद्र की मोदी सरकार की भी आलोचना हो रही है। लड़की के भाई ने बुधवार तड़के पत्रकारों से बात करते हुए बताया, ‘हम लोगों ने पुलिस से बहुत कहा कि शव हमें दें। हम उसका सुबह दाह संस्कार करेंगे लेकिन पुलिस ने हमारी नहीं सुनी। हम लोगों से जबरन सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाए और आधी रात को शव जला दिया। हम लोगों को पुलिस पर विश्वास नहीं है। हम लोगों की जान को भी खतरा है।’