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हिन्दू धर्म की मान्यताओं को नज़रंदाज़ कर यूपी पुलिस ने किया सूर्यास्त के बाद हाथरस गैंगरेप पीड़िता का अंतिम संस्कार, विरोध शुरू

उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता की जीभ काटते हुए रीढ़ की हड्डी तोड़ना, फिर लंबे इलाज के बाद भी उक्त पीड़िता की मृत्यु और अपराधियों के प्रति शासन-प्रशासन का नरम रवैया उत्तर प्रदेश की सरकार को शुरू से ही कठघरे में खड़ा करता रहा है। अब उत्तर प्रदेश की पुलिस ने कानून की धज्जियां उड़ाने के साथ-साथ हिन्दू धर्म की मान्यताओं का भी अपमान कर दिया है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सूर्यास्त के बाद शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है। जानकारी के मुताबिक, यूपी पुलिस ने हाथरस गैंगरेप पीड़िता का अंतिम संस्कार मंगलवार की रात करीब 2:30 बजे कर दिया। इस दौरान यूपी पुलिस ने मृतक के परिजनों को घर में बंद कर दिया था।

 

इस मामले पर फिल्म लेखक जावेद अख्तर के नाराजगी जताते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस को यह अधिकार किसने दिया है। इस बात ने हमें सवाल के साथ खड़ा कर दिया है। हाथरस मामले को लेकर जावेद अख्तर का यह ट्वीट खूब सुर्खियां बटोर रहा है, साथ ही सोशल मीडिया यूजर इसपर जमकर कमेंट भी कर रहे हैं। बता दें कि यूपी पुलिस के इस कदम से जुड़ा वीडियो फुटेज भी खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वह पीड़ित परिवार को पुलिस के साथ बहस करते हुए देखा गया है। मृत दलित गैंगरेप पीड़िता के रिश्तेदार खुद शव ले जाने वाली एम्बुलेंस के आगे आ खड़े हुए और गाड़ी की बोनेट तक पर लद गए लेकिन पुलिसवालों ने उन्हें हटाकर अंधेरी रात में दाह संस्कार कर दिया।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने उत्‍तर प्रदेश पुलिस की इस हरकत को कायराना बताया है। कांग्रेस ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है- निर्दयता की हद है ये। जिस समय सरकार को संवेदनशील होना चाहिए उस समय सरकार ने निर्दयता की सारी सीमाएं तोड़ दी।’ आम आदमी पार्टी ने भी अंतिम संस्‍कार का वीडियो अपने फेसबुक पेज पर डाला है।

मंगलवार की देर रात यूपी पुलिस हाथरस की गैंगरेप पीड़िता का अंतिम संस्कार करते हुए

हाथरस में हुए इस घटनाक्रम को लेकर पीड़िता के भाई का आरोप है कि प्रदेश की पुलिस उन्हें बिना बताए शव को घर से दूर ले गई और चुपचाप उसकी बहन का अंतिम संस्कार कर दिया। मृतका के पिता और भाई पुलिस एक्शन के खिलाफ विरोध में धरने पर बैठ गए थे किंतु बताया जा रहा है कि इसके बाद पुलिस के अफसर उन्हें काले रंग की स्कॉर्पियो में बिठाकर कहीं और लेकर चले गए। गांववालों ने भी इस दौरान पुलिस कार्रवाई का विरोध किया। इस घटना के बाद इलाके में पुलिस के खिलाफ भारी रोष है। बता दें कि गैंगरेप पीड़िता युवती की मौत के बाद मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बाहर लोगों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था और दोषियों को फांसी देने की मांग की थी।

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