
कृषि सुधार विधेयक को लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है और मोदी सरकार में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उसके बावजूद देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के किसानों को संबोधित करते हुए इसे ऐतिहासिक बिल बताया है। गौरतलब है कि विपक्षी दल कांग्रेस के साथ बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी कहा है कि हमारी पार्टी इस विधेयक से सहमत नहीं हैं। केंद्र को समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। पंजाब की राजनीतिक पार्टी शिरोमणि अकाली दल एनडीए में बीजेपी की सहयोगी पार्टी है। जिसकी नेत्री हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूर कर लिया है।
देशभर में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयकों को ‘‘ऐतिहासिक” करार देते हुए इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को आश्वस्त किया कि ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं। दूसरी तरफ इस बिल के विरोध में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने रेल रोको अभियान की चेतावनी दी है।
We have decided to hold a 'rail roko' agitation from September 24 to 26 against the three agriculture ordinances: Sarwan Singh Pandher, General Secretary, Kisan Mazdoor Sangharsh Committee #Punjab pic.twitter.com/HeI5JRx5XB
— ANI (@ANI) September 18, 2020
कृषि सुधार बिल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा- ऐसे लोगों से किसान सावधान रहें जिन्होंने दशकों तक देश पर राज किया और आज किसानों से झूठ बोल रहे हैं। दरअसल वो लोग किसानों को अनेक बंधनों में जकड़कर रखना चाहते थे। वो लोग बिचौलियों का साथ दे रहे हैं। किसानों को देश में कहीं भी अपनी फसल बेचने की आजादी देना एक ऐतिहासिक कदम है। 21वीं सदी में भारत का किसान खुलकर खेती करेगा और जहां मन आएगा वहीं अपना अनाज बेचेगा। अपनी उपज और आय बढ़ाएगा। किसान हों, महिलाएं हों या नौजवान हों, राष्ट्र के विकास के लिए सभी को सशक्त बनाना हमारा दायित्व है। कल लोकसभा में कृषि सुधार बिल पारित हुआ है। इससे किसानों को अपनी उपज बेचने में और ज्यादा विकल्प मिलेंगे। साथ ही उन्हें ज्यादा अवसर मिलेंगे। मैं देशभर के किसानों को इस विधेयक के पारित होने पर बधाई देता हूं। किसान और ग्राहकों के बीच रहने वाले बिचौलियों से किसानों का फायदा मारा जाता था।
कुरुक्षेत्र में कृषि अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हरियाणा पुलिस लाठीचार्ज करती हुई (फाइल फोटो)
इस विधेयक से किसानों को रक्षाकवच मिला है, लेकिन जो लोग दशकों तक देश में शासन करते रहे, सत्ता में रहे हैं, वो लोग किसानों को इस विषय पर भ्रमित कर रहे हैं और उनसे झूठ बोल रहे हैं। ऐसे लोग किसानों को लुभाने के लिए चुनाव में बड़े-बड़े वायदे करते थे और चुनाव के बाद भूल जाते थे। आज जब वही चीजें जो इतने दशकों तक राज करने वाली पार्टी के मेनिफेस्टों में है तो वही काम हमारी सरकार के करने पर भ्रम फैला रहे हैं।
कृषि अध्यादेश के खिलाफ पंजाब में प्रर्दशन कर रहे किसान
एग्रीकल्चर मार्केट के प्रावधानों में बदलाव का विरोध करने वाले दलों ने भी अपने घोषणापत्र में लिखी थी। लेकिन जब NDA सरकार ने काम कर दिया तो ये विरोध कर रहे हैं। ये लोग सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध कर रहे हैं। वो ये भूल गए कि देश का किसान जागरुक है। देश का किसान ये देख रहा है कि वो कौन से लोग हैं जो बिचौलियों के साथ खड़े हैं। ये लोग MSP को लेकर बड़ी बातें करते थे लेकिन कभी अपना वायदा पूरा नहीं किया। किसानों से किया ये वायदा अगर किसी ने पूरा किया है तो भाजपा-NDA की सरकार ने पूरा किया है। अब ये दुष्प्रचार किया जा रहा है कि किसानों को MSP का लाभ नहीं दिया जाएगा, किसानों से सरकार धान-गेंहू नहीं खरीदेगी। ये सरासर झूठ है, किसानों को सरकार MSP के माध्यम से सही कीमत दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी। सभी व्यापारी अपना उत्पाद जहां चाहे वहां बेच सकते हैं। लेकिन एकमात्र मेरे किसान भाइयों को इससे अलग रखा गया, लेकिन अब किसान अपनी फसल को किसी भी बाजार में मनचाही कीमत में बेच सकेगा। ये बिहार में जीवीका जैसे समूहों के लिए सुनहरा अवसर लेकर आया है। नीतीश जी भली भांति समझते हैं कि APMC एक्ट से किसानों को कितना नुकसान होता है। इसीलिए उन्होंने बिहार में इस एक्ट को ही खत्म कर दिया। हमने किसानों की हर परेशानी को दूर करने की कोशिश की है।
I have resigned from Union Cabinet in protest against anti-farmer ordinances and legislation. Proud to stand with farmers as their daughter & sister.
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) September 17, 2020
बता दें कि इस विधेयक के विरोध में कल मोदी सरकार के मंत्रिमंडल से केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस्तीफा मंजूर कर लिया है। शिरोमणि अकाली दल ने आश्वस्त किया है कि हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के बाद भी पार्टी एनडीए में सहयोगी पार्टी की भूमिका निभाती रहेगी।