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पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट होगा पूरा, टाटा ग्रुप को 861.90 करोड़ रुपए में मिला संसद की नई बिल्डिंग बनाने का कॉन्ट्रेक्ट

मौजूदा संसद भवन का निर्माण ब्रिटिशकाल में किया गया था। देश को आजाद हुए 75 साल होने वाले हैं। विदित हो कि देश का संसद भवन अब काफी पुराना हो चुका है। मोदी सरकार का इरादा है कि जब देश 15 अगस्त 2022 को अपनी आजादी की 75 की वर्षगांठ मना रहा हो तब हमारे सांसद नए संसद भवन में बैठें। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, मौजूदा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी नए संसद भवन की जरूरत को लेकर पार्लियामेंट में विषय पर चर्चा कर चुके हैं।

मौजूदा संसद भवन (फाइल फोटो)

टाटा ग्रुप को देश की संसद की नई बिल्डिंग बनाने का ठेका मिल गया है। बता दें कि टाटा ग्रुप को यह ठेका 861.9 करोड़ रुपए में मिला है। जानकारी के मुताबिक, संसद भवन बनाने के लिए मिलने वाले ठेके की रेस कुल 7 कंपनियों ने बोली लगाई थी। ये कंपनियां हैं टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड, लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड, आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया लिमिटेड, एनसीसी लिमिटेड, शपूरजी पलोनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड और पीएसपी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड।

861.90 करोड़ रुपए की बोली लगाते हुए टाटा ग्रुप ने संसद भवन की नई बिल्डिंग बनाने का कांट्रेक्ट हासिल कर लिया। उम्मीद है कि संसद भवन के निर्माण का कार्य इस मानसून सत्र के बाद शुरू हो सकता है।

संसद भवन की नई इमारत ऐसी दिखाई देगी

बता दें कि मौजूदा संसद के सामने ही नई का निर्माण इमारत पार्लियामेंट हाउस स्टेट के प्लॉट नंबर 118 पर होगा। नए संसद भवन में 60,000 वर्ग मीटर का निर्मित क्षेत्र होगा। लोकसभा की नई इमारत में सदन के अंदर 900 सीटें होंगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि भविष्य में लोकसभा में सीटें बढ़ती हैं तो दिक्कत न हो।एक अधिकारी के अनुसार नए संसद भवन का निर्माण कार्य 21 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रहेगा।

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