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मध्यप्रदेश के एक बड़े हस्पताल में 9 दिनों तक स्ट्रैचर पर पड़े-पड़े शव बन गया कंकाल, मानवता होती रही शर्मशार

देश में कोरोना वायरस के चलते दिन-रात काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कोरोना योद्धा कहा जाने लगा ताकि इन स्वास्थ्यकर्मियों का हौंसला अफजाई होता रहे। किंतु हमारी सरकारों ने हस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए उपयुक्त प्रयास नहीं किए हैं। परेशान जनता इस संबंध में आवाज उठाने का प्रयास जरूर करती है मगर सफलता नहीं मिल पाती है। इसी असफलता का परिणाम है कि मध्यप्रदेश के इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखा शव पड़े-पड़े कंकाल बन गया परंतु जिम्मेदार स्वास्थ्य कर्मचारियों और अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। सोशल मीडिया पर कंकाल की तस्वीरें वायरल होने के बाद अब अस्पताल से लेकर शासन-प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं।
मध्य प्रदेश के इंदौर में ‘महाराज यशवंत राव अस्पताल’ की मोर्चरी रूम में महीनों से स्ट्रेचर पर रखा एक शव अपने अंतिम संस्कार का इंतजार करते-करते कंकाल बन गया। गौरतलब है कि कोरोना काल में, मोर्चरी में शवों के आने-जाने का सिलसिला लगातार बना हुआ है किन्तु इस शव की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इस घटना में लापरवाही सामने आने के बाद से अस्पताल में कोरोना काल की गाइडलाइन के पालन को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)
महाराज यशवंत राव अस्पताल में मोर्चरी के कर्मचारियों का कहना है कि शव के कई दिनों से ऐसे ही पड़े रहने से जब उसमें से बदबू आने लगी तो उन्होंने कई बार इसकी शिकायत सीनियर अधिकारियों से की, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। अस्पताल प्रबंधन अब कहते हुए बचने का प्रयास कर रहा है कि शव की पहचान नहीं हो पाई थी। विदित हो कि अज्ञात शवों के निष्पादन की भी एक प्रक्रिया है। इससे स्पष्ट है कि अस्पताल में उस प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया। अगर राज्य की पुलिस कोई अज्ञात शव बरामद करती है तो पोस्टमॉर्टम के लिए उसे महाराज यशवंत राव अस्पताल की मोर्चरी रूम में भेजा जाता है। शव के पोस्टमॉर्टम के बाद 3 दिनों तक अगर उसकी शिनाख्त नहीं होती है तो नगर निगम और एनजीओ के माध्यम से उसका अंतिम संस्कार किया जाता है। इस शव के कंकाल होने पर भी अब तक ना तो इसका पोस्टमॉर्टम किया गया है और ना ही पुलिस विभाग द्वारा इस अज्ञात शव पर कोई संज्ञान लिया गया है। महाराज यशवंत राव अस्पताल के प्रभारी डॉ. पीएस ठाकुर से इस संबंध में मीडिया द्वारा बात करने की कोशिश की गई, लेकिन वे एमजीएम मेडिकल कॉलेज में हो रहे इंटरव्यू में बैठे होने के कारण तत्काल बात नहीं कर सके।